डेढ़ माह में 3 बार दिल्ली को दहलाने की साजिश हुई नाकाम, आतंकी हमलों के मद्देनजर अलर्ट पर

punjabkesari.in Monday, Sep 21, 2020 - 11:31 AM (IST)

नई दिल्ली: एनआईए ने शनिवार को बंगाल और केरल से 9 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। ये आतंकवादी दिल्ली-एनसीआर में हमले की तैयारी कर रहे थे। आतंकवादियों को पाकिस्तानी हैंडलर ड्रोन से हथियार भेजने वाला था, लेकिन उसे बीएसएफ और सेना ने नाकाम कर दिया, जिसके बाद इनका मसूबां पुरा नहीं हो सका। एनआईए के मुताबिक इनका प्लान दिल्ली में सरोजिनी नगर,दिल्ली हाईकोर्ट, कनॉट प्लेस, संसद भवन के आसपास के इलाका, केंद्र सरकार के मंत्रालय में विस्फोट करने की साजिश रची थी। 

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गिरफ्तार किए गए आतंकी भारत में कई दिनों से स्लीपर मॉडयूल के तहत कर रहें थे काम 
 एनआईए के मुताबिक अलकायदा के गिरफ्तार आतंकी करीब एक साल से स्लीपर मॉडयूल के तहत भारत में रहकर छोटे-छोटे काम कर रहें थे। इन्हें जुलाई माह में टारगेट मिला था कि दिल्ली में आतंकी वारदात को अंजाम देना है, लेकिन दिल्ली में बढ़ते कोरोना और हाल में स्पेशल सेल द्वारा पकड़े गए 2 आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद इसे टाल दिया गया, लेकिन एकाएक अगस्त के अंतिम सप्ताह में दोबारा एक्टिव होने के निर्देश दिए गए। इन लोगों ने दिल्ली की पुरी रेकी कर ली थी और इनके पास दिल्ली के कई संवेदनशील इलाकों की ब्लूप्रिंट भी मौजूद थे। बस इन्हें इंतजार था हथियार और विस्फोटक सामान का, जो बंगलादेश और नेपाल के जरिए इन्हें दी जानी थी। फिलहाल एनआईए इनके अन्य सदस्य की तलाश में जुट गई है। एनआईए की जांच के तहत पाकिस्तानी हैंडलर हमजा ड्रोन के जरिए कश्मीर में हथियार भेजने वाला था, जहां शनिवार को गिरफ्तार किए गए मुॢशद को जाकर असाइनमेंट रिसीव करना था, जिसके बाद इसे ट्रेन और कार के जरिए दिल्ली पहुंचाना था। 

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इस तरह बांटा गया था आतंकियों को काम
आतंकी मुर्शिद हसन 
मुर्शिद हसन मॉड्यूल का लीडर है। वह अर्नाकुलम में एक दूकान पर मजदूरी का काम कर रहा था। उसने सोशल मीडिया पर कई जिहादी और कट्टरपंथी पोस्ट शेयर किए थे। मुर्शिद अलकायदा से जुड़े पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में था। हथियारों की डिलीवरी लेने के लिए उसे ही जाना था।

आतंकी नाजमस साकिब
अलकायदा का सबसे मजबूत आंतकी जो कंप्युटर साइंस में ग्रेजुएशन कर रहा था इसने सोशल नेटवर्क के जरिए कई युवाओं को जिहादी विचारधारा के लिए तैयार किया था। इन्हीं के जरिए वे दिल्ली में अपनी पैठ बना रहा था। बताया जाता है साकिब के शब्द इतने सटीक होते थे कि युवा जल्द उसकी बातों में आ जाते थे। 

आतंकी मुसर्रफ हुसैन
हुसैन अर्नाकुलम में पराठे की दुकान पर काम करता था। हुसैन मुर्शिद का खास और भरोसेमंद आदमी था। उसे बंग्लादेश के रास्ते विस्फोटक सामान मिलने वाला था, जिसे वह अपने स्लीपर सेल के जरिए दिल्ली तक पहुंचाता। 

आतंकी मैनुल मोंडल
मैनुल मुर्शिदाबाद में कुक था। यह आतंकी दिल्ली में दो माह रह चुका है और दिल्ली में अपने 3 साथियों के साथ उसने कई संवेदनशील इलाकों सहित ब्लास्ट करने का ब्लूप्रिंट तैयार किया था, जिसके बाद वह वापस चला गया था। 

आतंकी इयाकुब बिस्वास
ये अर्नाकुलम से दिल्ली में वो जगह तलाशनी थी, जहां पर सभी आतंकी एकजूट हो सके और साजिश को अंजाम दे सके, जिसके लिए गत एक माह के दौरान ये करीब 3 बार दिल्ली आया। 

आतंकी अबू सूफियान और अतितुर रहमान
ये दोनों बम बनाने की मशीन है। बंगाल के रास्ते बमों का सामान दिल्ली पहुंचना था,जिसके बाद इन दोनों को दिल्ली जाकर इन्हें तैयार करना था। एनआईए के मुताबिक दोनों आंतकी दिल्ली में रेकी कर चुके थे और इन लोगों ने वो जगह भी तलाश ली थी जहां इन्हें रुकना था। 

आतंकी लिउ इयान अंसारी
आतंकी एक साल दिल्ली में रह चुका है और दिल्ली में हर जगह से वाकिफ है। इसने उत्तर पूर्वी दिल्ली में इलेक्ट्रिशन का भी काम किया और जब उसकी रेकी पुरी हो गई तो उसे अलकायदा के कहने पर मुर्शिदाबाद भेजा गया, इसे सितम्बर माह में विस्फोट सहित हथियार मिलने वाले थे जिसे उसे दिल्ली पहुंचाना था। 

ये था प्लान

  • सभी आतंकी ट्रेन और कार के जरिए अलग अलग रास्तों से दिल्ली पहुंचते
  • सभी आतंकी इयाकुब बिस्वास की बताई जगह पर आते, जहां इनके पास 48 घंटे का समय था जहां इन्हें कच्चे सामान से बम बनाना था
  • इसके बाद आंतकी लिउ इयान अंसारी के जरिए की गई रेकी और दिए गए ब्लूप्रिंट पर काम कर सीरियल ब्लास्ट करने थे
  • अंसारी की 3 कॉल इंटरसेप्ट हुई, जिसके बाद आंतकी मुर्शिद हसन की कॉल को इंटरस्ेपट किया, जिसके बाद पता चला कि दिल्ली को किस तरह दहलाने की साजिश है 
     

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Anil dev

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