NIA संशोधन बिल लोकसभा में पास, पक्ष में पड़े 278 वोट

punjabkesari.in Monday, Jul 15, 2019 - 06:18 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को विदेशी धरती पर जांच का अधिकार देने वाला विधेयक सोमवार को लोकसभा में छह के मुकाबले 278 मतों से पारित हो गया। ऑल इंडिया मजिलेस इत्तेहादुल मुस्लमीन के असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय अन्वेशन अभिकरण (संशोधन) विधेयक, 2019 पर मत विभाजन की मांग की। एनआईए कानून को कुछ विशेष विषयों को ध्यान में रखते हुए लाया गया था। जिसमें मानव तस्करी, जाली करंसी, प्रतिबंधित हथियारों का निर्माण और बिक्री साइबर आतंकवाद, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 एक्ट के तहत अपराध शामिल हैं। 
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क्या है NIA विधेयक 
विधेयक में प्रावधान है कि भारत के बाहर भारतीय नागरिकों के विरुद्ध या भारत के हितों को प्रभावित करने वाला कोई अनुसूचित अपराध करता है तो उनके खिलाफ जांच का अधिकार एनआईए को होगा। उसे भारत के बाहर किये गये किसी अपराध के संबंध में मामला दर्ज करने और जांच आरंभ करने का भी अधिकार होगा। साथ ही कतिपय नये अपराधों को अधिनियम के दायरे में लाने का भी विधेयक में प्रावधान है। अब यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया जायेगा। 

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एनआईए को मिलेंगे ये नए अधिकार

  • इस बिल में दुनिया के किसी भी देश में एनआईए को भारतीयों पर आतंकी हमले की जांच का अधिकार देने का प्रावधान किया गया है।
  • जांच में देरी न हो इसके लिए एनआईए कोर्ट के लिए हाई कोर्ट की ओर से विशेष जजों की नियुक्ति का प्रावधान भी रखा गया है। 
  • जांच में विस्फोटकों की जब्ती संबंधी अधिकार भी एनआईए को दिए जा रहे हैं।
  • आर्म्स एक्ट से जुड़े अधिकार भी एनआईए को देने जा रहे हैं। 
  • सरकार जीरो टोलरेंस के साथ आतंकवाद से लड़ना चाहती है और सदन को सहमति से इस बिल को पारित करना चाहिए।
  • इस अधिनयम के तहत स्पेशल अदालतों का गठन होगा।


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पर्चियों के जरिये हुआ मतदान 
एनआईए पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वह स्वयं चाहते हैं कि मत विभाजन हो ताकि पता चले कि कौन आतंकवाद के खिलाफ है और कौन उसका समर्थक। हालांकि कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सभी विधेयक का समर्थन कर रहे हैं और इसलिए मत विभाजन की आवश्यकता नहीं है। खास बात यह रही कि सदस्यों को डिविजन नंबर आवंटित नहीं होने के कारण पर्चियों के जरिये मतदान हुआ। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत अधिकतर विपक्षी दलों के सदस्यों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया। विधेयक के पक्ष में 278, जबकि विपक्ष में छह मत पड़े। 

पोटा खत्म करने का फैसला था गलत: अमित शाह
लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कानून का दुरुपयोग करने की न तो कोई इच्छा है और न ही कोई मंशा है और इस कानून का शुद्ध रूप से आतंकवाद को खत्म करने के लिए ही इस्तेमाल किया जायेगा। कुछ सदस्यों द्वारा आतंकवादी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (पोटा) का जिक्र किए जाने के संदर्भ में गृह मंत्री ने कहा कि पोटा कानून को वोटबैंक बचाने के लिए भंग किया गया था। पोटा की मदद से देश को आतंकवाद से बचाया जाता था, इससे आतंकवादियों के अंदर भय पैदा हो गया था और देश की सीमाओं की रक्षा होती थी। इस कानून को पूर्ववर्ती संप्रग की सरकार ने साल 2004 में आते ही भंग कर दिया। 

 


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vasudha

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