NIA की जांच में खालिस्तानी - गैंगस्टर गठजोड़ का खुलासा, खेल से लेकर फिल्मों तक में लगा चुके हैं जबरन वसूली का पैसा

punjabkesari.in Tuesday, Sep 26, 2023 - 01:24 PM (IST)

जालंधर: कनाडा में रह रहे बड़े खालिस्तानी सरगनाओं और गैंगस्टरों के बीच पैसे के लेन-देन के बारे में राष्ट्रीय जांच (NIA) एजेंसी की से एक बड़ा खुलासा हुआ है। इन खालिस्तानी सरगनाओं ने भारत में जबरन वसूली और तस्करी से हासिल पैसे को न केवल भारत और कनाडा में हिंसक वारदातों को फंड करने में लगाया, बल्कि महंगी नौकाओं, फिल्में और यहाँ तक कि कैनेडियन प्रीमियर लीग में भी निवेश किया है।

इसके अलावा गैंगस्टरों के वसूले गए पैसे को थाईलैंड के क्लबों और बर में भी निवेश किया गया। एन.आई.ए. ने 2019 से 2021 तक 13 मामलों की लिस्ट तैयार की है, जब गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने हवाला के जरिए 5 लाख से 60 लाख रुपए तक की रकम कनाडा और थाईलैंड में भेजी।

वसूली में लॉरिस बिश्नोई की भी भूमिका 
एन.आई.ए. ने कहा कि यह एक बड़े खालिस्तान गैंगस्टर गठजोड़ का हिस्सा हैं। यह दावा करते हुए कि कनाडा में गलत तरीके से कमाए गए धन का प्रबंधन करने वाले शख्स की पहचान सतबीर सिंह उर्फ सैम के रूप में की गई है। एन.आई.ए. की चार्जशीट में कहा गया है कि सैम ने इस पैसे का एक हिस्सा कनाडा में महंगी नौकाएं खरीदने, फिल्मों को फाइन्स करने और कनाडाई प्रीमियर लीग के आयोजन में निवेश किया। इस समय जेल में बंद विश्नोई ने कबूल किया कि उसे कई मौकों पर सैम से धन भी मिला था।

आतंकियों को भारत में अनुभवी शूटरों की तलाश
एन.आई.ए. की चार्जशीट में कहा गया है कि पाकिस्तान स्थित बब्बर खालसा इंटरनैशनल के सरगना धावा सिंह और हरविंदर सिंह रिदा भारत में अनुभवी शूटरों की तलाश कर रहे थे। इसी मौके पर लेरिस बिश्नोई गिरोह उनकी योजना में फिट साबित हुआ। उसका सिंडिकेट कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैला हुआ है। जिसमें पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार और झारखंड शामिल हैं। कनाडा में गैंगस्टरों और खालिस्तानी तत्वों की गतिविधियों से परिचित एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ओटवा को लंडा बराड़, अर्शदीप सिंह उर्फ अ डाला जैसे दो दर्जन से अधिक गैंगस्टर- खालिस्तान समर्थकों की हिरासत में लेने और भारत को सौंपने की जरूरत है। 

जबरन वसूली, अवैध शराब, हथियारों की तस्करी का कारोबार
देश की जांच एजेंसियां पहले ही साबित कर चुकी हैं कि विश्नोई ने अपने डिप्टी सतविंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी वराड़ के जरिए कनाडा की धरती से संचालित खालिस्तानी समूहों, विशेष रूप से बब्बर खालसा इंटरनैशनल (बी.के.आई.) के नेता लखबीर सिंह लंडा के साथ मिलकर काम किया। मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक मार्च में 14 व्यक्तियों के खिलाफ दायर NIA की चार्जशीट में कहा गया कि जयरन वसूली, अवैध शराब, हथियारों की तस्करी के कारोबार आदि के जरिए जुटाया गया पैसा कनाडा में सतविंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ और एक सतबीर सिंह उर्फ सैम को आगे के निवेश के लिए और साथ ही खालिस्तान तत्वों की कट्टरपंथी गतिविधियों की फंडिंग के लिए हवाला के जरिए कनाडा में भेजा गया था।
 


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Content Writer

Anu Malhotra

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