फोन पर बात करती रही नर्स, कैंची चली और कट गई नवजात की उंगली, फिर जो हुआ...
punjabkesari.in Monday, Jun 02, 2025 - 02:55 PM (IST)

नेशनल डेस्क। तमिलनाडु के वेल्लोर जिले के एक सरकारी अस्पताल से लापरवाही का एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसे सुनकर हर कोई दंग रह गया है। बताया जा रहा है कि अस्पताल में एक नर्स की गंभीर गलती से एक नवजात शिशु की उंगली ही कट गई। यह घटना कुछ दिन पहले ही घटी जिसने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ग्लूकोज चढ़ाने के दौरान हुई भयानक गलती
मल्लिपालयम निवासी विमलराज ने अपनी गर्भवती पत्नी निवेथा को वेल्लोर के अस्पताल में भर्ती कराया था। कुछ ही घंटों बाद निवेथा ने एक प्यारे से बेटे को जन्म दिया। डॉक्टरों के मुताबिक जन्म के बाद बच्चे के शरीर में शुगर की मात्रा कम थी इसलिए उसे ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा था।
इसी दौरान जब एक नर्स ग्लूकोज की सुई की जगह बदल रही थी तब उसने टेप काटने के लिए कैंची का इस्तेमाल किया और यहीं पर भयानक गलती हो गई। गलती से नवजात की उंगली ही कट गई। पीड़ित माता-पिता का आरोप है कि इस दौरान नर्स मोबाइल फोन पर बात कर रही थी और पूरी तरह लापरवाह थी।
यह भी पढ़ें: Video: मुरादाबाद में खुला 5D मोशन थिएटर, लोग हो रहे दीवाने
माता-पिता ने लगाया लापरवाही का इल्जाम
पीड़ित पिता विमलराज ने बताया कि हादसे के बाद उन्हें करीब डेढ़ घंटे तक बच्चे से मिलने तक नहीं दिया गया। उनका कहना है कि यह सीधी-सीधी लापरवाही और अनदेखी है जिसकी भारी कीमत उनके मासूम बच्चे को चुकानी पड़ी है।
घटना सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। बच्चे को तुरंत बेहतर इलाज के लिए चेन्नई के स्टैनली अस्पताल रेफर कर दिया गया जहाँ फिलहाल उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
यह भी पढ़ें: जानिए 'Operation Sindoor' में भारत को कितना हुआ था नुकसान? 3 दिन की जंग में दोनों देशों का हुआ अरबों खर्च
जिलाधिकारी ने दिए जाँच के आदेश
वेल्लोर की जिलाधिकारी सुब्बुलक्ष्मी ने इस पूरे मामले की गहन जाँच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, अगर यह साबित हो गया कि नर्स फोन पर बात कर रही थी तो उसे सबसे सख्त सजा दी जाएगी। वैसे भी उस प्रक्रिया में कैंची की ज़रूरत ही नहीं थी इसे हाथ से किया जा सकता था।
यह घटना न केवल वेल्लोर के सरकारी अस्पताल बल्कि पूरे स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है जहाँ कर्मचारियों की लापरवाही से मासूमों की जान और भविष्य खतरे में पड़ सकता है। प्रशासन की जाँच के बाद ही इस मामले की पूरी सच्चाई सामने आ पाएगी।