UPS Pension Scheme: सरकारी कर्मचारियों को UPS के तहत 50% गारंटीड पेंशन!
punjabkesari.in Tuesday, Aug 27, 2024 - 01:23 PM (IST)
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार की नई एकीकृत पेंशन योजना (UPS) के तहत, यदि कर्मचारी अपने पेंशन फंड को सक्रिय निवेश विकल्प (एक्टिव इंवेस्टमेंट चॉइस) के माध्यम से प्रबंधित करता है, तो उसे सेवानिवृत्ति के बाद 50% से अधिक पेंशन प्राप्त हो सकती है। इस योजना में सरकार द्वारा कर्मचारी के लिए दो खाते खोले जाएंगे।
जानकार सूत्रों के अनुसार, पहले खाते में कर्मचारी के वेतन से 10% अंशदान के साथ सरकार का 10% अंशदान भी शामिल होगा। दूसरे खाते में सरकार द्वारा अतिरिक्त 8.50% अंशदान जमा किया जाएगा। पेंशन नियामक प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की मौजूदा योजना के तहत पहले खाते में डिफ़ॉल्ट विकल्प (डिफाल्ट चॉइस) होगा, लेकिन कर्मचारी इसमें सक्रिय निवेश विकल्प का भी चयन कर सकता है।
50% से अधिक पेंशन
यदि कर्मचारी ने एक्टिव निवेश विकल्प का चयन किया है और सेवानिवृत्ति के बाद इस फंड के कुल कॉरपस से उसकी 50% से अधिक पेंशन बनती है, तो वह उसका हकदार होगा। अगर कॉरपस से 50% से कम पेंशन बनती है, तो सरकार दूसरे खाते (जिसमें 8.50% अंशदान रखा गया है) से भरपाई कर 50% गारंटीड पेंशन सुनिश्चित करेगी।
UPS या NPS का विकल्प चुनने के लिए केंद्रीय कर्मचारियों को एक पोर्टल पर जाकर चयन करना होगा। इसके लिए जल्द ही एकीकृत पोर्टल तैयार किया जाएगा। यूपीएस को लागू करने की जिम्मेदारी पीएफआरडीए को दी गई है, और पोर्टल व नियमों से संबंधित तैयारियों के लिए जल्द ही वित्त मंत्रालय के स्तर पर बैठक होगी।
अधिकारियों के अनुसार, कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद स्कीम से जुड़े विस्तृत दिशा-निर्देश जारी होंगे, जिनके आधार पर ऑनलाइन पोर्टल और आईटी सिस्टम तैयार किया जाएगा। केंद्र सरकार यूपीएस के बारे में राज्य सरकारों से भी चर्चा करेगी। इस योजना को 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा।
60% पैसा निकाला तो पेंशन कम
यूपीएस के तहत कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के बाद अपने 10% अंशदान वाले खाते से बने कॉरपस की 60% राशि एकमुश्त निकालने का विकल्प मिलेगा, लेकिन इसके अनुपात में उसकी पेंशन कम हो जाएगी।
महाराष्ट्र सरकार ने भी इसे लागू करने का निर्णय लिया
यूपीएस की घोषणा के 24 घंटे के भीतर ही महाराष्ट्र सरकार ने भी इसे लागू करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस फैसले पर मोहर लगाई गई।