New Family Pension Rules: सरकारी कर्मचारियों के परिवार को बड़ी राहत, अब बेटी का नाम शामिल करना अनिवार्य
punjabkesari.in Tuesday, Nov 05, 2024 - 11:09 AM (IST)
नेशनल डेस्क: सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए पेंशन से जुड़े नए नियम जारी किए गए हैं। पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि अब परिवार पेंशन के पात्र सदस्यों की सूची से बेटी का नाम नहीं हटाया जा सकेगा। इसके अलावा, एक्स्ट्राऑर्डिनरी पेंशन (EOP) के तहत मिलने वाले सभी रिटायरमेंट बेनिफिट को शीघ्र जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
बेटी का नाम शामिल करना अनिवार्य
पेंशन में बेटी का नाम न शामिल करने के कई मामले सामने आते रहे हैं। इसे रोकने के लिए विभाग ने आदेश दिया है कि सभी सरकारी कर्मचारियों को अपने पेंशन फॉर्मेट में बेटी का नाम अनिवार्य रूप से शामिल करना होगा। केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 के तहत, सौतेली और गोद ली गई बेटियों के साथ-साथ अविवाहित, विवाहित और विधवा बेटियों को भी परिवार के सदस्य के रूप में मान्यता दी गई है, इसलिए सभी का नाम पेंशन रिकॉर्ड में जोड़ा जाना चाहिए।
पेंशन पर किसका पहला अधिकार?
नए नियमों के तहत, पेंशन पर पहला हक विकलांग बच्चे का होगा। अगर परिवार में कोई बच्चा शारीरिक या मानसिक विकलांगता से पीड़ित है, तो उसे प्राथमिकता के आधार पर पेंशन दी जाएगी। इसके अलावा, सामान्य स्थिति में बेटी को तब तक फैमिली पेंशन मिल सकती है जब तक वह शादी नहीं कर लेती या आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हो जाती।
किन शर्तों पर मिलेगी बेटियों को पेंशन?
यदि बेटियां 25 साल से अधिक उम्र की अविवाहित, तलाकशुदा, या विधवा हैं, तो उन्हें पारिवारिक पेंशन का लाभ मिल सकता है। इस शर्त के तहत, परिवार के अन्य सभी बच्चे 25 साल से अधिक उम्र के होने चाहिए और उनके पास कोई आय स्रोत होना चाहिए।
क्या है फैमिली पेंशन?
फैमिली पेंशन उस आर्थिक सहायता को कहते हैं जो किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार को दी जाती है। कर्मचारी अपने परिवार के सदस्यों के नाम पेंशन रिकॉर्ड में शामिल करता है ताकि उनकी मृत्यु के बाद परिवार को आर्थिक संबल मिलता रहे।
ये नए नियम सरकार के पेंशनभोगी परिवारों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।