हमास की कैद से जिंदा नहीं लौटे नेपाल के बिपिन जोशी,अमेरिका तक दौड़ने वाली मां की आखिरी उम्मीद भी खत्म!
punjabkesari.in Tuesday, Oct 14, 2025 - 10:10 PM (IST)
काठमांडूः इजराइल में दो साल पहले हुए हमास के हमले के दौरान कई लोगों की जान बचाने वाले नेपाली छात्र का शव तेल अवीव लाया गया है और जल्द ही उसे अंतिम संस्कार के लिए उसके परिवार को सौंप दिया जाएगा। इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने एक बयान में यह जानकारी दी। हमास ने बिपिन जोशी (23) को सात अक्टूबर 2023 को किबुत्ज़ अलुमिम के एक आश्रय स्थल से कई अन्य लोगों के साथ अगवा कर लिया था।
आईडीएफ ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा, ‘‘बिपिन को किबुत्ज़ अलुमिम के एक आश्रय स्थल से हमास ने अगवा कर लिया था। ऐसा अनुमान है कि युद्ध के शुरुआती महीनों के दौरान कैद में ही उसकी हत्या कर दी गई।'' आईडीएफ ने कहा कि वह पीड़ित के शव को उसके परिवार को अंतिम संस्कार के लिए वापस भेजने की आवश्यक व्यवस्था करेगा।
बयान के अनुसार, ‘‘आईडीएफ (मृतकों के) परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता है और सभी बंधकों को वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास जारी रखेगा, क्योंकि हमास को समझौते के अपने हिस्से को पूरा करना होगा तथा सभी बंधकों को उनके परिवार के पास भेजने और अंतिम संस्कार के लिए आवश्यक प्रयास करने होंगे।'' इजराइल के ‘लर्न एंड अर्न प्रोग्राम' के तहत पढ़ाई कर रहा जोशी, 16 अन्य नेपालवासियों के साथ अलुमिम किबुत्ज़ में काम कर रहा था, तभी हमास ने हमला कर दिया था।
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, हमले में दस नेपाली मारे गए, पांच घायल हुए और एक बाल-बाल बच गया। हिमालयन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जोशी के मित्र बिभूषा अधिकारी, जो घातक हमले के बाद वापस लौटे थे, ने उस दौरान जोशी के वीरतापूर्ण कार्य के बारे में बताया था। विभूषा ने बताया कि जोशी के कमरे में दो ग्रेनेड फेंके गए और उसने ग्रेनेड उठाकर हमलावरों पर फेंक दिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि जोशी ने खेत में काम कर रहे छह लोगों समेत 17 की जान बचाई। रिपोर्ट में अधिकारी के हवाले से कहा गया है, ‘‘अगर वह उस समय हिचकिचाता, तो हम इस समय जीवित नहीं होते।''
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, जोशी की मौत की पुष्टि इजराइली अधिकारियों ने की, जिन्होंने सोमवार को एक वर्चुअल बैठक में इजराइल में नेपाल के राजदूत धन प्रसाद पंडित और जोशी के परिवार को जानकारी दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि जोशी का परिवार, जो उसकी रिहाई की मांग को लेकर इजराइल और अमेरिका गया था, अब उसके पार्थिव शरीर को नेपाल लाये जाने का इंतजार कर रहा है।
