नेपाल में 17 साल में 14 सरकारें! Gen Z की बगावत का असली कारण चीन व अमेरिका, सोशल मीडिया बैन तो बस बहाना बना
punjabkesari.in Wednesday, Sep 10, 2025 - 01:45 PM (IST)

International Desk: नेपाल आज एक बार फिर गहरी राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। 2008 में राजशाही खत्म होने के बाद से बीते 17 वर्षों में यहां 14 सरकारें बदल चुकी हैं । भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और भाई-भतीजावाद से त्रस्त जनता अब सड़कों पर उतर आई है। सोशल मीडिया बैन ने आग को और भड़काया और विरोध प्रदर्शनों की अगुवाई कर रही Gen Z पीढ़ी ने इसे एक बड़े जनांदोलन में बदल दिया। खास बात यह है कि अब यह गुस्सा सिर्फ घरेलू नेताओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अमेरिका और चीन जैसे बड़े देशों पर भी निकल रहा है।
कौन हैं Gen-Z?
नेपाल में हाल ही में भड़के विरोध-प्रदर्शन को "Gen-Z आंदोलन" कहा जा रहा है। इसकी वजह यह है कि इन प्रदर्शनों की अगुवाई किसी राजनीतिक दल या संगठन ने नहीं की, बल्कि इसे आगे बढ़ाया है युवाओं की उस नई पीढ़ी ने जिसे जेनरेशन-ज़ेड (Gen-Z) कहा जाता है।Gen-Z वो पीढ़ी है जो लगभग 1997 से 2012 के बीच पैदा हुई है और आज 18 से 25 साल की उम्र में है। इन युवाओं का बचपन और जवानी इंटरनेट, सोशल मीडिया और डिजिटल दुनिया के बीच गुज़री है। यही वजह है कि ये पीढ़ी फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर बेहद सक्रिय रहती है।
ओली 'अमेरिकी दलाल' के नारे
- शल मीडिया पर एक वायरल वीडियो में प्रदर्शनकारी पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली को “अमेरिकी दलाल” कहते दिखे।
- गुस्से की वजह सिर्फ सोशल मीडिया बैन या भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि नेपाल की विदेश नीति को लेकर भी आक्रोश है।
- जनता मानती है कि नेता कभी चीन तो कभी अमेरिका के दबाव में रहते हैं और इसका नुकसान आम जनता को झेलना पड़ता है।
नेपाल की राजनीतिक अस्थिरता
- 2008: 240 साल पुरानी राजशाही का अंत ।
- इसके बाद 17 सालों में 14 बार सरकार बदली ।
- सत्ता तीन नेताओं के इर्द-गिर्द घूमती रही
- केपी शर्मा ओली- चीन समर्थक छवि
- पुष्प कमल दहाल प्रचंड-माओवादी धड़े से जुड़े
- शेर बहादुर देउबा-पांच बार प्रधानमंत्री रह चुके
ओली और चीन की नजदीकियां
- शपथ के बाद उनका पहला विदेश दौरा भारत की बजाय चीन का रहा।
- हाल ही में बीजिंग में 26 देशों की बैठक में शामिल हुए।
- चीन से 41 मिलियन डॉलर की वित्तीय मदद हासिल की।
- बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) समझौते पर भी हस्ताक्षर किए।
- आलोचकों का आरोप है कि ओली ने नेपाल को चीन की रणनीति का हिस्सा बना दिया।
अमेरिका की भूमिका और तनाव
अमेरिका, दक्षिण एशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव से चिंतित है। ट्रंप प्रशासन ने नेपाल को 500 मिलियन डॉलर की मदद का प्रस्ताव दिया, ताकि सड़क और ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश किया जा सके। इसे चीन के BRI को संतुलित करने की रणनीति माना गया। लेकिन विवाद तब बढ़ा जब ओली सरकार ने अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनियों Facebook, WhatsApp, Instagram, YouTube पर बैन लगाया। वहीं चीनी ऐप TikTok पर रोक नहीं लगी, क्योंकि उसने सरकार के साथ पहले ही पंजीकरण करा लिया था।
Gen Z आंदोलन की असली चिंगारी
- 18 से 25 साल के युवाओं (Gen Z) ने आंदोलन का मोर्चा संभाल लिया।
- उनकी मांगें: भ्रष्टाचार पर रोक, रोज़गार के अवसर और अभिव्यक्ति की आज़ादी।
- युवाओं का कहना है कि सरकार ने उनकी आवाज़ दबाने के लिए सोशल मीडिया बैन लगाया।
- इसने आंदोलन को और भड़का दिया और अब अंतरराष्ट्रीय राजनीति भी निशाने पर आ गई।
नेपाल का मौजूदा संकट सिर्फ एक सरकार विरोधी आंदोलन नहीं है। यह उस अस्थिर राजनीतिक प्रणाली की देन है जिसमें नेता कभी चीन तो कभी अमेरिका के करीब होकर सत्ता बचाने की कोशिश करते हैं। लेकिन Gen Z की अगुवाई में उठी यह नई लहर साफ बता रही है कि नेपाल की जनता अब विदेशी दबावों से ऊपर उठकर *अपने असली अधिकारों और स्वतंत्रता* की मांग कर रही है।