सरकार के साथ किसानों की बातचीत रही बेनतीजा, 3 दिसंबर को होगी अगली बैठक
punjabkesari.in Tuesday, Dec 01, 2020 - 06:51 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठन के 32 सदस्यों की सरकार के साथ उच्च स्तरीय बातचीत बेनतीजा रही है। अगली बैठक 3 दिसंबर को होगी। बैठक में विज्ञान भवन में किसानों के साथ बैठक में APMC Act and MSP पर सरकार की तरफ से प्रेजेंटेशन दिया जा रहा है। सरकार किसानों को MSP पर समझाने की कोशिश कर रही है। बैठक में कृषि कानून वापस लेने पर किसान अड़े हुए हैं जबकि सरकार चर्चा के लिए बनाने की बात कर रही है। सरकार ने ये भी प्रस्ताव दिया है कि समिति रोजाना बैठकर चर्चा करने को तैयार है, ताकि जल्द नतीजा निकल सके. सूत्रों के मुताबिक, एक किसान प्रतिनिधि ने कहा कि ये नए कानून किसानों के लिए ‘डेथ वारंट’ हैं।
जो चीज किसान के हित में है, वह की गई है। स्वामीनाथन आयोग में मांग की गई थी कि किसान के पास अपनी फसल बेचने की स्वतंत्रता होनी चाहिए वह किसी चीज से बंधा न रहे। सरकार ने यह कर दिया : केंद्रीय मंत्री जनरल वी.के. सिंह #FarmersProtest pic.twitter.com/0VeYN88JD3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 1, 2020
किसान नेताओं ने कमेटी के मुद्दे पर कहा है कि, कमेटी बना लीजिए आप एक्स्पर्ट भी बुला लीजिए, हम तो ख़ुद एक्स्पर्ट हैं ही, लेकिन आप ये कि हम धरने से हट जाए ये सम्भव नहीं है। अभी इस पर और चर्चा होनी है। किसानों को कमिटी पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उनका कहना है कि जबतक कमिटी कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंचती और कुछ ठोस बात नहीं निकलती , उनका आंदोलन जारी रहेगा। इसके साथ ही किसान नेताओं को बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्रियों ने चाय पीने का ऑफर दिया, जिसे किसान नेताओं ने ठुकरा दिया। किसानों ने मंत्रियों को दिल्ली के बॉर्डर पर आने और जलेबी-लंगर खाने का न्योता दिया। किसान नेता फिलहाल बैठक से बाहर आ चुके हैं।
Delhi: Union Ministers Narendra Singh Tomar and Piyush Goyal hold meeting with farmers' leaders at Vigyan Bhawan.#FarmLaws pic.twitter.com/zL4PNsQHtZ
— ANI (@ANI) December 1, 2020
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पंजाब के किसान नेताओं से बात की और योगेंद्र यादव को इस बैठक में शामिल नहीं करने का आग्रह किया। इस पर किसान संगठनों ने वार्ता का बहिष्कार करने का फैसला किया लेकिन यादव को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने स्वयं बैठक में शामिल होने इनकार कर दिया। बैठक में उन सभी संगठनों को निमंत्रण दिया गया है, जिन्हें पिछली बैठक में बुलाया गया था। पुलिस की सुरक्षा में दो बसों में किसान नेताओं को बैठक स्थल पर लाया गया। बैठक में बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश मौजूद हैं। सरकार की तरफ से बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं। किसानों से जुड़े आंदोलन के हर अपडेट को जानने के लिए पढ़ें punjabkesari.in...
LIVE अपडेट्स
- कृषि मंत्री ने कहा कि पहले किसानों की बात सुनी जाएगी, उनके विकल्प पर चर्चा होगी उसके बाद ही हम अपनी बात रखेंगे।
- किसान संगठनों के 32 सदस्य बैठक में होंगे शामिल।
- कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों को समझाएंगे क्या है कृषि कानून। किसानों की शंकाओं को करेंगे दूर।
- राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हो रही है बैठक।
किसानों की समस्याओं को लेकर मोदी सरकार प्रतिबद्ध-तोमर
तोमर ने कहा कि सरकार किसानों से बातचीत कर समस्या का समाधान करना चाहती है। किसानों की समस्याओं को लेकर मोदी सरकार पूरी प्रतिबद्धता से खड़ी है। पिछले 6 साल के दौरान कृषि और किसानों की आय बढ़ाने के लिए ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों में भ्रम हुआ है। पहले भी किसानों के साथ दो दौर की वार्ता हुई है। कृषि सचिव ने 14 अक्तूबर को बातचीत की थी जबकि 13 नवंबर को कृषि मंत्री तथा खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ने किसान प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की थी। दरअसल, कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किसान संगठन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंच गए हैं और पिछले कई दिनों से कई प्रमुख सड़कों को जाम किए हुए हैं।
किसान आंदोलन में अन्य प्रतिनिधि भी शामिल
गृह मंत्री अमित शाह ने पहले किसान नेताओं को सड़क जाम खत्म कर बुराड़ी मैदान में आकर लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने का प्रस्ताव दिया था और कहा था कि इस व्यवस्था के लागू होने पर अगले ही दिन किसानों के साथ बातचीत की जाएगी। किसान संगठनों ने सरकार के सशर्त बातचीत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और लंबे समय तक आंदोलन चलाने का संकेत दिया था। आंदोलन की अगुआई पंजाब के किसान कर रहे हैं जबकि अन्य राज्यों के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल हो गए हैं।