UP के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, सरकार ने बनाया है ₹2500 करोड़ का प्लान, इन लोगों को होगा फायदा
punjabkesari.in Monday, Apr 21, 2025 - 08:01 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने खेती को लेकर एक ऐसा प्लान बनाया है जिससे न सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ेगी बल्कि ज़मीन की सेहत भी सुधरेगी। यह योजना खासतौर पर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है, जिसमें सरकार अगले दो सालों में 2500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी। प्राकृतिक खेती का मतलब है बिना रासायनिक खाद और कीटनाशक के खेती करना। इसमें गोबर, गोमूत्र और जैविक उत्पादों का इस्तेमाल किया जाता है। इससे न केवल खेती की लागत कम होती है बल्कि मिट्टी की उर्वरकता भी लंबे समय तक बनी रहती है। साथ ही, यह खेती सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है क्योंकि इसमें उगाई गई चीजें पूरी तरह से केमिकल-फ्री होती हैं।
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किन इलाकों में होगा सबसे ज्यादा फायदा?
उत्तर प्रदेश सरकार इस योजना को पहले बुंदेलखंड और गंगा के किनारे बसे क्षेत्रों में लागू कर रही है। अब इसका विस्तार गंगा की सहायक नदियों के किनारे तक किया जा रहा है। इससे वहां के किसानों को प्राकृतिक खेती के ज़रिए कम लागत में बेहतर आमदनी का मौका मिलेगा।
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किसानों को क्या-क्या मिलेगा इस योजना में?
इस योजना के तहत किसानों को निम्न सुविधाएं दी जाएंगी:
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प्राकृतिक खेती के लिए विशेष प्रशिक्षण
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जैविक खाद, जीवामृत जैसी चीजों की उपलब्धता
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किसान गोष्ठियों और जागरूकता शिविरों का आयोजन
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सरकारी खरीद में प्राकृतिक उपज को प्राथमिकता
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मंडी में अलग व्यवस्था और ब्रांडिंग का समर्थन
सरकार की सोच: कम लागत, ज्यादा मुनाफा
योगी सरकार का मकसद है कि किसानों को रासायनिक खेती की महंगी लागत से मुक्ति दिलाई जाए। प्राकृतिक खेती से उन्हें कम खर्च में ज्यादा लाभ होगा और फसलें भी जलवायु के असर को ज्यादा सहन कर पाएंगी। इससे पर्यावरण भी बचेगा और किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।
आंकड़ों में समझिए सरकार का प्लान
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कुल बजट: ₹2500 करोड़
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समय सीमा: अगले दो साल
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मुख्य लक्ष्य: 1 लाख से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर मोड़ना
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प्राथमिक क्षेत्र: बुंदेलखंड और गंगा-बेसिन
किसानों की प्रतिक्रिया: बढ़ते भरोसे का संकेत
इस योजना की घोषणा के बाद कई किसान संगठनों ने सरकार की पहल की तारीफ की है। उनका कहना है कि अगर योजना जमीनी स्तर पर सख्ती से लागू होती है तो आने वाले समय में उत्तर प्रदेश के किसान आत्मनिर्भर बन सकते हैं।