''बिना टिकट ट्रेन में यात्रा, 23 दिन में घूमा पूरा भारत और बचा लिए 6000 रुपये'', 6 मई को कोटा से लापता NEET का छात्र बरामद

punjabkesari.in Friday, May 31, 2024 - 09:24 PM (IST)

नेशनल डेस्कः 6 मई को कोटा से लापता हुए एक NEET के छात्र का पता लगा लिया गया है। छात्र उसके पिता को गोवा के एक रेलवे स्टेशन पर मिला। जानकारी के मुताबिक, जेब में सिर्फ 11,000 रुपये होने के बावजूद 19 वर्षीय इस युवक ने दिन भर बिना टिकट के ही ट्रेनों में यात्रा की। उसके चाचा ने बताया कि राजेंद्र प्रसाद मीना ने अपनी किताबें, मोबाइल फोन और दो साइकिलें बेचकर पैसे जुटाए थे।

पुलिस ने बताया कि प्रतियोगी मेडिकल परीक्षा देने के एक दिन बाद मीना ने 6 मई को अपने माता-पिता को एक मैसेज भेजा था। जिसमें कहा था कि वह आगे पढ़ना नहीं चाहता और पांच साल के लिए घर छोड़ रहा है। मीना ने कहा कि उसके पास 8,000 रुपये हैं और अगर जरूरत पड़ी तो वह अपने परिवार से संपर्क करेगा। नीट अभ्यर्थी के परिवार ने आरोप लगाया है कि कोटा पुलिस ने युवक का पता लगाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया।

परिजनों ने लगाए पुलिस पर आरोप
मीना के चाचा मथुरा लाल ने शुक्रवार को बताया कि कोटा पुलिस ने लड़के की तलाश के लिए शहर से बाहर कदम भी नहीं रखा और तकनीकी रूप से उसका पता लगाने में लापरवाही बरती। उन्होंने कहा कि परिवार ने युवक के लापता होने के दिन से ही उसकी तलाश में चार टीमें बनाईं, जिनमें से प्रत्येक में परिवार के तीन सदस्य शामिल थे।

परिवार के अनुसार, नीट परीक्षा में खराब प्रदर्शन करने के बाद मीना ने अपना फोन बेच दिया और 6 मई को कोटा छोड़ दिया। वह पुणे के लिए ट्रेन में सवार हुआ, जहां वह दो दिन तक रहा। पुणे में उसने 1,500 रुपये में एक सेकेंड-हैंड मोबाइल फोन खरीदा, अपने आधार कार्ड का उपयोग करके एक सिम लिया और फिर अमृतसर चला गया, जहां उसने स्वर्ण मंदिर में दर्शन किए। लाल ने कहा कि इसके बाद, वह जम्मू में वैष्णो देवी के दर्शन के लिए चला गया।

केरल, तमिलनाडु, कन्याकुमारी और तिरुवनंतपुरम का किया दौरा
चाचा ने आरोप लगाया कि अगर कोटा पुलिस ने प्रयास किया होता तो वे पुणे में उसे खोज लेते, जब लड़के को सिम मिला, जो उसके आधार कार्ड से जुड़ा हुआ था। मीना के परिवार ने कहा कि जम्मू से मीना आगरा गया और ताजमहल देखा फिर ओडिशा में जगन्नाथ पुरी धाम के लिए एक ट्रेन में सवार हुआ। इसके बाद वह तमिलनाडु में रामेश्वरम गया और फिर केरल चला गया, जहां उसने कन्याकुमारी और तिरुवनंतपुरम का दौरा किया।

परिवार के मुताबिक, इसके बाद वह गोवा गया। जहां बुधवार की सुबह मडगांव रेलवे स्टेशन पर उसके पिता जगदीश प्रसाद ने उसे खोज लिया, जब वह ट्रेन में सवार होने वाला था। इस दौरान मेडिकल की तैयारी करने वाला यह छात्र बिना टिकट खरीदे ट्रेनों के जनरल कोच में यात्रा कर रहा था। वह 6,000 रुपये बचाने में भी कामयाब रहा। मीना के परिवार ने कोटा के विज्ञान नगर पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

पुलिस ने दी सफाई
इस बीच, विज्ञान नगर सर्कल इंस्पेक्टर सतीश चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस टीमों को परिवार के सदस्यों के साथ विभिन्न संदिग्ध स्थानों पर भेजा गया था। उन्होंने बताया कि लड़के के पिता के साथ पुलिस की एक टीम मुंबई में ही रुकी रही, जबकि पिता और दो चचेरे भाई मीना की तलाश में गोवा गए और उसे मडगांव रेलवे स्टेशन पर पाया। उन्होंने बताया कि युवक को उसके परिवार को सौंप दिया गया है।

चाचा ने कहा, "मीना पहचानने में असमर्थ था, लेकिन जब उसके पिता ने उसे बुलाया, तो उसने तुरंत जवाब दिया।" उन्होंने कहा कि परिवार ने अपने-अपने क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थानों और रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी फुटेज की जांच की और मीना की हरकतों की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अब उन्होंने लड़के से कहा है कि वह जो चाहे करे और घर पर ही रहे।


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Content Writer

Yaspal

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