...एहतियाती खुराक की जरूरत फिलहाल सरकार के एजेंडे में नहीं है, ना ही इस पर चर्चा चल रही है: सूत्र
punjabkesari.in Tuesday, Jan 03, 2023 - 07:11 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कुछ देशों में कोरोना वायरस के संक्रमण में वृद्धि से फिर उत्पन्न हुई चिंता के बीच मंगलवार को आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि कोविड टीके की दूसरी एहतियाती खुराक की जरूरत फिलहाल सरकार के एजेंडे में नहीं है। उन्होंने कहा कि फिलहाल चौथी कोविड खुराक अवांछित है क्योंकि देश में ज्यादातर लोगों द्वारा तीसरी खुराक लिया जाना अभी बाकी ही है। उन्होंने कहा कि फिलहाल उपयोग में लाये जा रहे टीकों के लिए दूसरी एहतियाती खुराक की उपयोगिता को लेकर कोई आंकड़ा भी उपलब्ध नहीं है।
भारत ने जनवरी, 2022 में एहतियाती या एहतियाती खुराक लगानी शुरू की थी और अब तक पात्र लोगों में केवल 28 प्रतिशत ने ही यह खुराक लगवायी है। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘कोविड टीकों की दूसरी एहतियाती खुराक की जरूरत फिलहाल सरकार के एजेंडा में नहीं है, न ही इस पर कोई चर्चा चल रही है। सबसे बड़ी बात है कि अधिकतर लोगों का तीसरी खुराक लेना अभी बाकी है और जिन्हें तीसरी खुराक लेनी है, उन्हें ले लेनी चाहिए।'
अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश पूरी तरह टीकाकरण से गुजर चुके लोगों को तीसरी और चौथी एहतियाती खुराक लगा रहे हैं। वे उन लोगों को भी अतिरिक्त खुराक दे रहे हैं जिनमें प्रारंभिक खुराक के बाद मजबूत प्रतरोधक क्षमता नहीं बन पायी। भारतीय चिकित्सक संघ (आईएमए) के प्रतिनिधियों और वरिष्ठ डॉक्टरों ने 26 दिसंबर को एक बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से स्वास्थ्यकर्मियों एवं अग्रिम मोर्चा कर्मियों के लिए चौथी खुराकी पर विचार करने की अपील की थी।
यह बैठक दुनिया में खासकर चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और थाईलैंड में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के आलोक में आयोजित की गयी थी। पूर्व आईएमए अध्यक्ष डॉ. जे ए जयलाल ने कहा था, ‘स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों का कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों से आमना-सामना होता है, फलस्वरूप वे इस वायरस के संपर्क में आते हैं जिससे स्वास्थ्य देखभाल समुदाय में और संक्रमण फैल सकता है। उसका मुकाबला करने के लिए उन्हें इस वायरस के विरूद्ध प्रतिरोधकता बढ़ाने की जरूरत है।'