NDRF बचाव अभियान के दौरान कर्मियों को PPE किट, HCQ दवा मुहैया कराएगा

punjabkesari.in Tuesday, Jun 09, 2020 - 11:02 PM (IST)

नई दिल्लीः राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने कोविड-19 महामारी के समय किसी भी बचाव अभियान में शामिल होने वाले अपने प्रत्येक कर्मियों को पांच पीपीई का एक सेट देने का फैसला किया है। चक्रवात ‘अम्फान' के बचाव अभियान के दौरान 51 जवानों के संक्रमित पाए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है।
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एनडीआरएफ के महानिदेशक (डीजी) एस एन प्रधान ने कहा कि बल को बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदा के समय कोरोना वायरस और अन्य कठिनाइयों से अपने बचावकर्मियों को बचाने के लिए पीपीई किट मिले हैं। अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल में ‘अम्फान' चक्रवात के दौरान काम करने वाले एनडीआरएफ के 51 कर्मी संक्रमित हो चुके हैं। कुछ समय पहले मुंडाली में तीसरी बटालियन के अपने केंद्र में लौटने के बाद कटक में उनकी जांच हुई। 
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अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर जवानों में संक्रमण के लक्षण नहीं मिले। अधिकतर जांच हो चुकी है। एनडीआरएफ ने पश्चिम बंगाल में चक्रवात के समय 19 टीमें तैनात की थी। हर टीम में करीब 45 कर्मी होते हैं। नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक एनडीआरएफ में संक्रमण के 74 मामले हैं। बल ने आपदा के दौरान बचाव और राहत के लिए नयी मानक संचालन प्रक्रिया को तैयार किया है। इसके तहत विभिन्न किस्म के पीपीई का इस्तेमाल और आयुष मंत्रालय तथा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सुझावों पर अमल करना और खास मामलों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) दवा लिया जाना शामिल है। 

प्रधान ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हरेक जवान को अभियान के दौरान इस्तेमाल के लिए पांच पीपीई किट दिए जाएंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘दो पीपीई तो कोविड-19 के माहौल में काम करने के लिए होंगे, तीन पीपीई संवर्द्धित या रेनकोट की तरह होंगे, जो उन्हें वर्षा और संक्रमित स्थानों से बचाएगा।'' एनडीआरएफ ने कहा कि आयुष मंत्रालय की सलाह के मुताबिक बल के कर्मियों को प्रतिरक्षा को बढ़ाने वाली दवा और होम्योपैथी दवा भी दी जा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ मामलों में चिकित्सा सलाह के तहत जवानों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन भी दी जा सकती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी जारी रहने की स्थिति में भी हम लड़ाई के लिए तैयार हैं और निपटने के लिए सारी व्यवस्था की जा रही है।'' उन्होंने कहा कि बटालियन कैंप में पृथक-वास केंद्र और इकाई भी होंगे ताकि अभियान से लौटे जवान कैंप में पहले से रह रहे जवानों से कुछ सुरक्षित दूरी बनाकर रह पाएं। 


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Pardeep

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