NCERT ने 12वीं की राजनीति विज्ञान पाठ्यपुस्तक से राजनीतिक कार्टून हटाया
punjabkesari.in Wednesday, Aug 14, 2024 - 02:57 PM (IST)
नेशनल डेस्क: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एन.सी.ई.आर.टी.) ने कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से एक राजनीतिक कार्टून हटा दिया है। एन.सी.ई.आर.टी. ने कहा है कि यह भारत को नकारात्मक रोशनी में दिखाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक एन.सी.ई.आर.टी. ने एक दस्तावेज में पाठ्यपुस्तकों को युक्तिसंगत बनाने के प्रयास में किए गए कई बदलावों के बारे में बताया गया है। कार्टून हटाना उनमें से एक है। हटाए गए कार्टून में 1990 के बाद के राजनीतिज्ञों को दिखाया गया था और स्वतंत्रता के बाद से भारत में राजनीति के अध्याय 8 में हालिया घटनाक्रम में उनकी संबंधित सरकारों के अस्तित्व पर सवाल उठाए गए थे।
कब तक चला राजनीतिक कार्टूनों का दौर
कार्टूनिस्ट रविशंकर द्वारा बनाए गए और मूल रूप से एक पत्रिका में प्रकाशित कार्टून में वीपी सिंह (1990), चंद्रशेखर (1990), पीवी नरसिम्हा राव (1991), एचडी देवेगौड़ा (1996), आईके गुजराल (1997) और अटल बिहारी वाजपेयी (1998) और उनकी गठबंधन सरकारों और लोकतंत्र के अस्तित्व पर सवालों की एक श्रृंखला थी। कार्टून ने भारत में गठबंधन की राजनीति के लंबे दौर को दिखाया था, जो 1989 में सिंह के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय मोर्चे, 1996-97 में संयुक्त मोर्चे, 1998 में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन, 1999 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एन.डी.ए.), 2004 और 2009 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन पर लागू होता है। हालांकि, यह प्रवृत्ति 2014 में बदल गई जब भाजपा को लोकसभा में पूर्ण बहुमत मिला और उसने एन.डी.ए. सरकार का नेतृत्व किया। हालांकि एक दशक बाद भारत में 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद फिर से केंद्र में गठबंधन सरकार है।
कार्टून में गठबंधन सरकारों की चर्चा
कार्टून की जगह दो छात्रों के बात करते हुए इलस्ट्रेशन से बदल दिया गया है। नए चित्रण में एक छात्र सवाल करता है, ‘क्या इसका मतलब यह है कि हमारे पास हमेशा गठबंधन रहेगा? या क्या राष्ट्रीय दल फिर से अपनी स्थिति मजबूत कर सकते हैं?’, जिस पर दूसरा जवाब देता है, ‘मुझे इस बात की चिंता नहीं है कि यह एक पार्टी या गठबंधन सरकार है। मैं इस बात से अधिक चिंतित हूं कि वे क्या करते हैं। क्या गठबंधन सरकार में अधिक समझौते शामिल हैं? क्या हम गठबंधन में साहसिक और कल्पनाशील नीतियां नहीं बना सकते हैं?’
देश में राजनीतिक अस्थिरता का भी जिक्र
रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में सी.बी.एस.ई. से संबद्ध एक स्कूल में राजनीति विज्ञान के शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस कार्टून के माध्यम से हमने छात्रों को कमजोर गठबंधन सरकारों के तहत प्रधानमंत्रियों के छोटे कार्यकाल और देश में राजनीतिक अस्थिरता के बारे में बताया गया था। यह वह दौर भी था जब कांग्रेस को अपने दम पर बहुमत नहीं मिल सका और क्षेत्रीय दलों का उदय भी हुआ। रिपोर्ट में कहा है कि संपर्क करने पर एन.सी.ई.आर.टी. के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने बदलाव पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।