नवी मुंबई: मेडिकल कॉलेज में दाखिले के नाम पर लाखों की ठगी, छह पर मामला दर्ज
punjabkesari.in Sunday, Apr 20, 2025 - 03:03 PM (IST)

नेशनल डेस्क: नवी मुंबई के नेरुल इलाके में स्थित एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में प्रबंधन कोटे के तहत पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिला दिलाने का झांसा देकर दो अलग-अलग व्यक्तियों से कुल 77.61 लाख रुपये की धोखाधड़ी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने रविवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि नेरुल पुलिस स्टेशन में छह आरोपियों के खिलाफ दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
पहली घटना: छत्तीसगढ़ के व्यक्ति से 42 लाख रुपये की ठगी
➤ पुलिस में दर्ज पहली शिकायत छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के 59 वर्षीय व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई है।
➤ शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपियों ने उनकी बेटी को जनरल सर्जरी पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रम में दाखिला दिलाने का वादा किया था।
➤ इस वादे के एवज में आरोपियों ने शिकायतकर्ता से मई 2022 से दिसंबर 2023 के बीच किस्तों में कुल 1.27 करोड़ रुपये की मोटी रकम वसूली।
➤ बाद में शिकायतकर्ता को पता चला कि दाखिले से संबंधित सभी दस्तावेज पूरी तरह से जाली हैं।
➤ जब शिकायतकर्ता ने कॉलेज प्रशासन से दाखिले के बारे में पूछताछ की, तो आरोपियों ने दबाव में आकर 85 लाख रुपये वापस कर दिए, लेकिन शेष 42 लाख रुपये की राशि हड़प ली।
➤ कई बार संपर्क करने के बावजूद जब आरोपियों ने शेष राशि वापस नहीं की, तो पीड़ित ने अंततः पुलिस का दरवाजा खटखटाया।
➤ पुलिस अधिकारी ने बताया, "आरोपियों ने कॉलेज के फर्जी लेटरहेड का इस्तेमाल करके जाली दाखिला पत्र जारी किए थे, जो एक गहरी साजिश की ओर इशारा करते हैं।"
दूसरी घटना: बेंगलुरु के व्यक्ति से 35.61 लाख रुपये की धोखाधड़ी
➤पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि इन्हीं छह आरोपियों में से तीन ने मिलकर धोखाधड़ी की एक और वारदात को अंजाम दिया था।
➤ बेंगलुरु के पनथुर इलाके के रहने वाले 54 वर्षीय एक व्यक्ति ने इस संबंध में दूसरी शिकायत दर्ज कराई है।
➤ शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपियों ने उनके भतीजे को उसी मेडिकल कॉलेज में 'एमडी एनेस्थीसिया' पाठ्यक्रम में दाखिला दिलाने का झांसा दिया।
➤ इस धोखे में फंसाकर आरोपियों ने शिकायतकर्ता से 35.61 लाख रुपये ठग लिए।
➤ यह धोखाधड़ी भी मई 2022 से दिसंबर 2023 के बीच हुई। आरोपियों ने शुरुआत में 50 लाख रुपये लिए, लेकिन बाद में केवल 4.39 लाख रुपये ही वापस किए।
➤ इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित के फोन कॉल और संदेशों का जवाब देना भी बंद कर दिया।
➤ बेंगलुरु के शिकायतकर्ता को भी आरोपियों द्वारा फर्जी दस्तावेज दिए गए थे, जिनमें कथित तौर पर मेडिकल काउंसलिंग कमेटी का 'अस्थायी आवंटन पत्र', एक जाली विश्वविद्यालय का पत्र, ज्वाइनिंग लेटर और रसीदें शामिल थीं। जांच में ये सभी दस्तावेज नकली पाए गए।
➤ पुलिस अधिकारी ने कहा, "जाली दस्तावेजों को इतनी कुशलता से तैयार किया गया था कि वे बिल्कुल असली लग रहे थे, जिससे पीड़ितों को आसानी से विश्वास हो गया। हम यह भी जांच कर रहे हैं कि कहीं और भी लोग इस गिरोह के शिकार तो नहीं हुए हैं।"
पुलिस कार्रवाई और जांच:
➤ पुलिस ने इस मामले में शुक्रवार को दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं। पहली एफआईआर रायगढ़ के शिकायतकर्ता की शिकायत पर छह आरोपियों के खिलाफ दर्ज की गई है, जबकि दूसरी एफआईआर बेंगलुरु के शिकायतकर्ता की शिकायत पर उन्हीं छह में से तीन आरोपियों के खिलाफ दर्ज की गई है।
➤ आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 465, 467, 468 (जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल) और 34 (सामूहिक उद्देश्य) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
➤ पुलिस अधिकारी ने बताया कि फिलहाल इस मामले में किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
➤ उन्होंने कहा, "हम पैसों के लेनदेन की गहराई से जांच कर रहे हैं और संबंधित मेडिकल कॉलेज से संपर्क कर जालसाजी के पूरे नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।"