भारी बारिश, बाढ़-भूकंप या फिर प्राकृतिक आपदा से डैमेज हुई है कार कार? तो क्या कवर होगा इंश्योरेंस में? जानिए पूरी डिटेल
punjabkesari.in Thursday, Jul 10, 2025 - 01:40 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत में हर साल बाढ़, भूकंप और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाएं भारी जान-माल का नुकसान करती हैं। हमारी आपदा प्रबंधन टीमें, सुरक्षा बल और सेना के जवान इन आपदाओं से निपटने के लिए हर पल तैयार रहते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर इन प्राकृतिक आपदाओं से आपके वाहन को कोई नुकसान पहुँचता है, तो क्या वह इंश्योरेंस में कवर होता है? यह एक महत्वपूर्ण सवाल है, खासकर जब मानसून के आगमन के बाद कई हिस्सों में भारी बारिश और जल-जमाव देखने को मिल रहा है और हाल ही में दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं।
थर्ड पार्टी बनाम कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस: क्या है अंतर?
अक्सर लोग केवल थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेकर संतुष्ट हो जाते हैं, लेकिन जब प्राकृतिक आपदा से गाड़ी को नुकसान पहुँचता है, तब असली परेशानी शुरू होती है। इसलिए यह जानना बेहद ज़रूरी है कि भारत में वाहनों के लिए मुख्य रूप से दो तरह के इंश्योरेंस मिलते हैं:
- थर्ड पार्टी इंश्योरेंस: यह पॉलिसी केवल किसी तीसरे व्यक्ति या संपत्ति को हुए नुकसान की ही भरपाई करती है। इसमें बाढ़, भूकंप, तूफान या किसी भी प्राकृतिक आपदा से आपकी अपनी गाड़ी को नुकसान होने पर कोई मुआवजा नहीं मिलता।
- कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस (व्यापक बीमा): अगर आपने कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी ली है तो यह बाढ़, भारी बारिश, जलभराव, तूफान, चक्रवात, ओलावृष्टि, भूकंप, भूस्खलन या जमीन धंसने, आग लगने या बिजली गिरने, पेड़ या खंभा गिरने से वाहन को होने वाले नुकसान को कवर करती है। यदि आप प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई चाहते हैं, तो सिर्फ थर्ड पार्टी नहीं, बल्कि कॉम्प्रिहेंसिव प्लान लेना अनिवार्य है। यह पॉलिसी उन इलाकों के लिए और भी ज़रूरी हो जाती है जहाँ इस तरह के प्राकृतिक आपदाएँ आती रहती हैं।
कौन-कौन सी प्राकृतिक आपदाएँ होती हैं कवर?
कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी में आमतौर पर निम्नलिखित प्राकृतिक आपदाओं से वाहन को होने वाले नुकसान को कवरेज मिलती है:
- बाढ़, भारी बारिश, जलभराव
- तूफान, चक्रवात, ओलावृष्टि
- भूकंप, भूस्खलन या जमीन धंसना
- आग लगना या बिजली गिरना
- पेड़ या खंभा गिरने से वाहन को होने वाला नुकसान
डैमेज कवरेज में क्या-क्या शामिल होता है?
कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी के तहत निम्नलिखित प्रकार के नुकसान कवर किए जाते हैं:
- इंजन डैमेज: (अगर पॉलिसी में इंजन प्रोटेक्ट कवर शामिल है)।
- कार के इंटीरियर में पानी घुसने से हुई खराबी।
- इलेक्ट्रिकल सिस्टम को नुकसान।
- बॉडी डैमेज, पेंट खराब होना या टूट-फूट।
- कार के बॉडी पार्ट में इमारत या मलबे से होने वाला नुकसान।
बेस कॉम्प्रिहेंसिव प्लान में अक्सर इंजन प्रोटेक्ट कवर शामिल नहीं होता। इसे ऐड-ऑन कवर के रूप में लेना पड़ता है। बाढ़ में सबसे ज्यादा खतरा इंजन हाइड्रोलॉक का होता है, जिसके लिए इंजन प्रोटेक्ट कवर बहुत ज़रूरी है। इसलिए पॉलिसी लेते वक्त इस बात की पुष्टि ज़रूर कर लें।
कैसे मिलेगा डैमेज का क्लेम?
यदि आपकी गाड़ी को प्राकृतिक आपदा से नुकसान हुआ है और आपके पास कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी है, तो क्लेम करने का तरीका यहाँ दिया गया है:
- तुरंत सूचित करें: सबसे पहले अपनी कार इंश्योरेंस कंपनी को हादसे के बारे में तुरंत सूचित करें।
- गाड़ी स्टार्ट न करें: गाड़ी को स्टार्ट करने की कोशिश बिल्कुल न करें, खासकर अगर वह पानी में फंसी हो, क्योंकि इससे इंजन हाइड्रोलॉक होकर ज़्यादा नुकसान हो सकता है।
- सुरक्षित जगह पर रखें: यदि बाढ़ से नुकसान हुआ है, तो गाड़ी को सुरक्षित जगह पर ले जाएँ, लेकिन उसे स्टार्ट न करें।
- फोटो और वीडियो प्रूफ: डैमेज हुए वाहन की फोटो और वीडियो अपने पास सबूत के तौर पर रखें।
- गाड़ी की स्थिति न बदलें: गाड़ी को उसी हालत में रखें, जब तक इंश्योरेंस कंपनी का सर्वेयर आकर निरीक्षण न कर ले।
- सर्वेयर की रिपोर्ट: सर्वेयर आकर नुकसान का जायजा लेगा और अपनी रिपोर्ट देगा।
- क्लेम अप्रूवल: सर्वेयर की रिपोर्ट के आधार पर कंपनी क्लेम को अप्रूव करती है।
- कैशलेस सुविधा: अधिकतर कंपनियाँ अपने नेटवर्क गैराज में कैशलेस क्लेम की भी सुविधा देती हैं।
क्या कोई शर्तें भी होती हैं?
- लापरवाही: अगर आप जानबूझकर लापरवाही करते हैं, जैसे कि पानी भरे इलाके में गाड़ी चलाना, तो क्लेम रिजेक्ट भी हो सकता है। ये पॉलिसी केवल प्राकृतिक आपदाओं या अचानक से हुए हादसों में कवरेज प्रदान करती हैं।
- इंजन प्रोटेक्शन कवर: कुछ पॉलिसी में इंजन प्रोटेक्शन कवर अलग से लेना पड़ता है। जैसा कि बताया गया है, बाढ़ में सबसे ज्यादा नुकसान इंजन को ही होता है, इसलिए इंजन प्रोटेक्शन ऐड-ऑन लेना समझदारी होती है।
इन बातों का रखें ध्यान
कार का इंश्योरेंस लेते वक्त सिर्फ थर्ड पार्टी पॉलिसी के भरोसे न रहें, क्योंकि इससे प्राकृतिक आपदा में आपको कोई मदद नहीं मिलेगी। कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी और ज़रूरी ऐड-ऑन कवर लेना बेहतर रहेगा। इंश्योरेंस लेने से पहले कंपनी के एग्जीक्यूटिव से इस बारे में विस्तार से बात करें और उनकी सभी शर्तों के बारे में जानकारी हासिल करें। इंश्योरेंस का नवीनीकरण समय पर कराएं ताकि पॉलिसी लैप्स न हो और आप हमेशा सुरक्षित रहें।