Farmers Protest: किसान नेता राकेश टिकैत बोले- ट्रैक्टर रैली को कोई रोक नहीं सकता

punjabkesari.in Wednesday, Jan 20, 2021 - 01:53 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली की सीमाओं पर तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 55 दिनों से जारी आंदोलन के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर किसानों की ट्रैक्टर रैली को लेकर दखल देने से इनकार कर दिया है। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि ट्रैक्टर रैली को कोई रोक नहीं सकता। टिकैत ने आगे कहा कि, गणतंत्र दिवस मनाने से देश के नागरिक को संविधानिक संस्थान या पुलिस रोक नहीं सकती। हम झगड़ा करने थोड़े ही जा रहे हैं। हम दिल्ली में गण का उत्सव मनाएंगे, पहले हम इसे खेत और गांव में मनाते थे। क्योंकि हम दिल्ली में हैं तो दिल्ली में ही मनाएंगे। उन्होंने आगे कहा, हम देखना चाहेंगे कि हम देश प्रेमी हैं या हमें रोकने वाले देश के गद्दार।

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केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों द्वारा 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली निकाले जाने के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में दखल नहीं देंगे। चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने केंद्र सरकार से कहा कि वो ट्रैक्टर रैली के खिलाफ अपनी याचिका वापिस ले ले। साथ ही CJI ने कहा कि पुलिस को इसमें उचित आदेश जारी करने का अधिकार है लेकिन ट्रैक्टर मार्च में हम हस्ताक्षेप नहीं करेंगे। कोर्ट ने कहा कि पुलिस को जैसे ठीक लगता है वो उचित आदेश जारी कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की अर्जी पर कहा कि आप प्राधिकार हैं और आपको इससे निपटना है, इस पर आदेश पारित करना अदालत का काम नहीं है। वहीं कृषि कानून पर बनी कमेटी के सामने पेश होने पर किसानों ने कहा कि हम वहां नहीं जाएंगे, इस पर कोर्ट ने सख्त होते हुए कहा कि कमेटी पर सवाल उठाना ठीक नहीं है।

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कृषि मंत्री तोमर ने किसान संगठनों से ट्रैक्टर रैली नहीं करने की अपील की 
 वहीं इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को उम्मीद जताई थी कि प्रदर्शनकारी किसान संगठन दसवें दौर की वार्ता में नए कृषि कानूनों को वापस लेने के बजाय अन्य विकल्पों पर चर्चा करेंगे और उनसे अपील की कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस के अवसर पर ट्रैक्टर रैली नहीं निकालें। 41 कृषि संगठनों के साथ दसवें दौर की वार्ता होने वाली है। अभी तक की वार्ता में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है क्योंकि आंदोलनकारी किसान संगठन जहां कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं वहीं सरकार ने इस तरह का कदम उठाने से इंकार कर दिया है। तोमर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगली बैठक में किसान संगठन विकल्पों (कानूनों को वापस लेने के अलावा) पर चर्चा करेंगे ताकि किसी समाधान तक पहुंचा जा सके।


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Anil dev

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