वापस नहीं जाना चाहते हैं पाकिस्तान से आए 93 हिंदू, खुफिया एजेंसियां जांच में जुटी
punjabkesari.in Wednesday, Oct 19, 2022 - 12:37 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आए हिंदुओं के दो जत्थों में शामिल 93 लोग अब वापस नहीं जाना चाहते हैं। इन लोगों ने भारत में बसने की इच्छा व्यक्त की और कहा कि वे वापस नहीं जाना चाहते हैं। आधिकारिक सूत्रों ने को बताया कि उत्तर-पश्चिम रेलवे (एनडब्ल्यूआर) के अधिकारी और राज्य की खुफिया एजेंसियां इन जत्थों में आए लोगों के ठिकाने का पता लगाने के लिए हरकत में आईं, जो अब जोधपुर के बाहरी इलाके डालीबाई चौराहा के पास पहले से ही विस्थापित लोगों द्वारा अतिक्रमण किए गए एक झुग्गी इलाके में बसने की कोशिश कर रहे हैं।
50 हिंदुओं का पहला जत्था 12 अक्टूबर को हरिद्वार से ट्रेन से आया था, जबकि बच्चों सहित 43 लोगों का दूसरा जत्था 14 अक्टूबर को जोधपुर रेलवे स्टेशन पहुंचा था। इन लोगों ने भारत पहुंच कर पाकिस्तान में अचानक आयी बाढ़ के बाद राहत कार्यों में उत्पीड़न और भेदभाव का आरोप लगाया था। ये लोग भील समुदाय के हैं और सिंध के टांडो अल्लाहयार जिले से आए हैं। जीआरपी-जोधपुर और खुफिया विभाग के संयुक्त अभ्यास से पता चला कि राजस्थान की राज्य खुफिया विभाग की विशेष शाखा प्रवासी वीजा की जांच करने वाले कर्मचारी यह पता लगाने के लिए कि क्या ये तीर्थयात्रा या पर्यटक वीजा हैं और क्या वे कानूनी अप्रवासियों की पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं।
सूत्रों ने कहा है कि विस्थापितों के ओवरस्टे या लंबे समय तक रहने (दीर्घकालिक वीजा) की जांच की जाएगी और जिला कलेक्टर द्वारा खुफिया विभाग की स्थिति रिपोर्ट पर उचित कार्रवाई की जाएगी। 2016 के विस्थापित दिशा-निर्देशों और प्रवासन या रहने के नियमों को पूरा करने के लिए इन प्रवासियों को देश छोड़ने के लिए कहा जाएगा। सीमांत लोक संगठन के प्रमुख हिंदू सिंह सोढा ने कहा कि इन लोगों के पास अपने देश में उत्पीड़न और भेदभाव के मद्देनजर अन्य कोई अन्य विकल्प नहीं था।
उन्होंने कहा कि वे भारत को अपना प्राकृतिक घर मानते हैं। सिंह ने कहा कि वे तीर्थयात्रा वीजा पर हरिद्वार आए, जहां एजेंसियों ने उनका आगमन दर्ज किया और फिर वे अपने अंतिम गंतव्य के लिए रवाना हो गए। उनके पास यहां बसने के लिए वीजा नहीं है। इस बीच, पुलिस अधिकारियों ने प्रवासियों के दस्तावेजों की जांच के लिए टीमें भेजीं हैं। एएसपी (सीआईडी) रामेश्वर लाल मेघवाल ने कहा कि जो भी उचित होगा हम करेंगे। अगर वे वापस नहीं जाना चाहते हैं, तो उन्हें यहां रहने के लिए औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा जाएगा।