किसानों का दिल्ली कूच: केजरीवाल सरकार ने ठुकराई पुलिस की मांग, स्टेडियम नहीं बनेंगे अस्थाई जेल

punjabkesari.in Friday, Nov 27, 2020 - 01:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क: किसानों के दिल्ली चलो मार्च के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने आप सरकार से शहर के नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेल के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी थी जिसको सीएम केजरीवाल ने ठुकरा दिया है। दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि किसानों की मांग जायज है, ऐसे में उन्हें जेल में डालना ठीक नहीं है। दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन की ओर से एक बयान जारी किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि किसानों की मांग जायज है और उनका प्रदर्शन अहिंसक तरीके से हो रहा है। 

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दरअसल किसान मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार से नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेल के रूप में इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी थी जहां हिरासत में लिए गए तथा गिरफ्तार किए गए किसानों को रखा जा सके। केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ च्दिल्ली चलो' मार्च के तहत शुक्रवार सुबह सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे किसानों के एक समूह को तितर-बितर करने के लिए दिल्ली पुलिस ने आंसू गैस के गोले दोगे। 

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दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर सीमा पर किसानों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे 
केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली चलो' मार्च के तहत सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे किसानों के एक समूह को तितर-बितर करने के लिए दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को आंसू गैस के गोले दोगे। दिल्ली और हरियाणा को जोडऩे वाले सिंघु बार्डर पर आंसू गैस के गोले दागे गए। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, हम किसानों को प्रदर्शन करने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम उन्हें यह भी बता रहे हैं कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर किसी प्रकार की रैली करने या धरना देने की अनुमति नहीं है।'' अधिकारी ने कहा, च्च् उन्हें अनुमति नहीं दी गई और अगर उन्होंने दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश की तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।'' सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और रेत से भरे ट्रक तथा पानी के टैंक भी वहां तैनात हैं। 

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प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कांटेदार तार का भी किया उपयोग 
प्रदर्शनकारियों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए सिंघु बॉर्डर पर बाड़ लगाने के लिए कांटेदार तार का भी उपयोग किया जा रहा है। तीस से अधिक किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले पंजाब के किसानों ने घोषणा की थी कि वे लालडू, शंभू, पटियाला-पिहोवा, पातरां-खनौरी, मूनक-टोहाना, रतिया-फतेहाबाद और तलवंडी-सिरसा मार्गों से दिल्ली की ओर रवाना होंगे। सभी सीमाओं पर तनाव कायम है। दिल्ली चलो मार्च के लिए किसान अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर राशन और अन्य आवश्यक सामान के साथ एकत्रित हो गए हैं। हरियाणा सरकार ने किसानों को प्रदर्शन के लिए एकत्रित होने से रोकने के लिए कई इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 भी लागू कर दी है। किसान नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि नये कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। 


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Anil dev

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