क्या देश के फाइनेंशियल सिस्टम को बिगाड़ रही वीवो? भारत की अखंडता को पहुंचाया खतरा! ED ने लगाए संगीन आरोप

punjabkesari.in Tuesday, Jul 26, 2022 - 05:14 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया है कि चीनी स्वामित्व वाली मोबाइल फोन कंपनी वीवो इंडिया के बैंक खाते स्पष्ट रूप से मनी लॉन्ड्रिंग की गई है और यह देश की वित्तीय प्रणाली को अस्थिर करने के प्रयास और देश की अखंडता और संप्रभुता को खतरे में डालने के लिए उठाया गया कदम है। बीते सप्ताह के अंत में दायर एक हलफनामे में संघीय एजेंसी ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि चीनी कंपनी की भारत इकाई से संबंधित 22 कंपनियों की चीन में संदिग्ध धन के स्थानान्तरण के लिए जांच की जा रही है। एजेंसी ने आरोप लगाया कि 22 कंपनियां हांगकांग में स्थित विदेशी नागरिकों या विदेशी संस्थाओं के स्वामित्व में हैं। हलफनामे में कहा गया है, कि अधिकांश धनराशि चीन को विदेशों में स्थानांतरित कर दी गई है, और इसकी जांच की जा रही है। हालांकि वीवो ने पहले कहा है कि वह सभी स्थानीय कानूनों का पालन करती है।

ईडी ने 22 कंपनियों और ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) व वीवो के जम्मू-कश्मीर वितरक के निगमन के बीच एक समानांतर संबंध तलाशे हैं, जिसने कथित तौर पर खुद को वीवो इंडिया की सहायक कंपनी के रूप में गलत तरीके से पेश किया था। ईडी ने आरोप लगाया है कि जीपीआईसीपीएल जिसकी पहले से ही मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में जांच की जा रही है, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाई गई है। 

ईडी के अनुसार ये निष्कर्ष जाली दस्तावेजों के आधार पर बनाई गई कंपनी मेसर्स जीपीआईसीपीएल और मेसर्स वीवो के बीच घनिष्ठ संबंध पर विश्वास करने का कारण हैं। ईडी द्वारा उच्च न्यायालय के साथ साझा किए गए आंकड़ों में ऊपर वर्णित चार्टर्ड एकाउंटेंट को निगमन में सहायता के रूप में या लगभग सभी 22 कंपनियों से जुड़ी प्रक्रियाओं में गवाह के रूप में दिखाया गया है। वित्तीय प्रणाली को अस्थिर करने के अपने आरोप को पुष्ट करने के लिए एजेंसी ने उड़ीसा उच्च न्यायालय के एक फैसले का हवाला दिया है, जिसने 2020 में मनी लॉन्ड्रिंग को वित्तीय आतंकवाद के रूप में वर्णित किया था।

वीवो के पूर्व निदेशक बिन लू और जिक्सिन वेई नाम के एक अन्य चीनी नागरिक ने कथित तौर पर 22 कंपनियों की स्थापना की। अगस्त 2014 में वीवो इंडिया के शामिल होने के बाद जहां बिन लू ने 2014-15 में 18 कंपनियों की स्थापना की, वहीं वेई ने चार कंपनियों की स्थापना की। एजेंसी ने उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि जीपीआईसीपीएल के दो निदेशकों झेंगशेन ओउ और झांग जी और जम्मू-कश्मीर कंपनी के खिलाफ 5 दिसंबर 2021 को दिल्ली पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने के 10 दिन बाद वे भारत छोड़ कर भाग गए थे।

एजेंसी ने कहा कि जीपीआईसीपीएल के वित्त के विश्लेषण से पता चला है कि उसने दो बैंकों के तीन खातों में लगभग 1,487 करोड़ रुपये बनाए रखे हैं। इसमें से करीब 1,200 करोड़ रुपये वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर किए गए। इस महीने की शुरुआत में वीवो इंडिया ने अदालत को बताया था कि ईडी द्वारा उसके बैंक खातों से डेबिट फ्रीज गलत था। कंपनी के वकील ने आरोप लगाया था कि ईडी खातों को फ्रीज करने के लिए तर्कसंगत स्पष्टीकरण देने में असमर्थ है।


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Content Writer

Anil dev

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