रुबीना को PM फैलोशिप तक पहुंचना दृढ़ संकल्प और गौरव की कहानी

punjabkesari.in Saturday, Dec 11, 2021 - 04:30 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जामिया मिलिया इस्लामिया (जे.एम.आई.) में इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग की पी.एच.डी. रिसर्च स्कॉलर रुबीना को प्रधान मंत्री रिसर्च फैलोशिप (पी.एम.आर.एफ.) के लिए चुना जाना धैर्य औप गौरव की कहानी है। रुबीना को मई-2021 ड्राइव में डायरैक्ट एंट्री श्रेणी के तहत प्रतिष्ठित प्रधान मंत्री रिसर्च फैलोशिप के लिए चुना गया है। जामिया की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने इस पुरस्कार के लिए छात्रा को बधाई देते हुए आशा जताई कि वह गुणवत्तापूर्ण शोध परिणाम के साथ फेलोशिप को उचित सिद्ध करेंगी। इस फैलोशिप के तहत पहले दो साल के लिए 70,000 रुपए, तीसरे साल के लिए 75,000, चौथे साल और 5वें साल के लिए 80,000 रुपए की मासिक फैलोशिप मिलेगी। इसके अलावा, रुबीना इस योजना के तहत पांच साल के लिए प्रति वर्ष 2 लाख रुपए के शोध अनुदान के लिए भी पात्र हैं।

कॉलेज के लिए बदलनी पड़ती थीं दो बसें
शोध विद्वान रुबीना जामिया नगर के एक साधारण परिवार से संबंध रखती हैं लेकिन अपने छात्र जीवन में वह मेधावी रही हैं। रुबीना ने हाई स्कूल जसोला विहार के गुड सैमेरिटन स्कूल से और फिर 12वीं की पढ़ाई कैंब्रिज स्कूल, श्रीनिवासपुरी से की। दोनों परीक्षाओं में रुबीना ने मैरिट हासिल की और फिर ‘इंदिरा गांधी दिल्ली महिला तकनीकी विश्वविद्यालय’(आई.जी.डी.टी.यू.डब्लयू.) में बी.टेक दाखिला लिया। स्कूल और आई.जी.डी.टी.यू.डब्लयू. के दिनों को याद करते हुए रुबीना कहती हैं कि पढ़ाई के लिए उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। बी.टेक की क्लासों के लिए मुझे वहां तक पहुंचने में दो बसें बदलनी पड़ती थीं। उसके बाद सारा दिन पढ़ाई औप प्रयोगशाला में काम। बाद में उन्हीं बसों से उतना ही सफर करके वापस लौटना बहुत थकाऊ हो जाता था। हालांकि, अपने सपनों को आगे बढ़ाने के दृढ़ संकल्प ने मुझे आगे बढ़ाया।

दृढ़ संकल्प ने ही बढ़ाया आगे
वह कहती हैं कि उनके दृढ़ संकल्प और परिवार के समर्थन ने ही उन्हें एम. टैक के बाद प्रतिष्ठित गेट परीक्षा के लिए योग्य बनाया और उसके बाद जामिया मिलिया के इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में पी.एच.डी. में प्रवेश मिला। अपने शोध के बारे में वह बताती हैं कि फिलहाल वह अपने शोध के लिए साहित्य सर्वेक्षण कर रही हैं। भविष्य में इसकी प्रयोज्यता पर टिप्पणी करना अभी जल्दबाजी होगी। रुबीना, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, जामिया में प्रो. तारिकुल इस्लाम के निर्देशन में पीएचडी कर रही हैं। डॉ. इस्लाम के अनुसार—‘वह अपने पूरे छात्र जीवन में एक मेधावी छात्रा थीं। उसका गेट स्कोर संतोषजनक था। यही वजह थी कि हमने पी.एम.आर.एफ. के लिए उनके नाम की सिफारिश की।

ऐसा होगा रुबीना का काम
रुबीना का शोध डैवलपमेंट ऑफ स्मार्ट कैपेसिटी सेन्सर्स फॉर कंडीशन मोनिटरिंग ऑफ इलैक्ट्रिकल एपारेटस इन स्मार्ट ग्रिड्स पर आधारित होगा। जिसका मुख्य उद्देश्य ट्रांसफॉर्मर और गैस इंसुलेटेड स्विचगियर्स (जी.आई.एस.) जैसे प्रमुख विद्युत उपकरणों की रियल टाइम ऑनलाइन हैल्थ निगरानी के लिए बेहतर स्थिर और गतिशील विशेषताओं के साथ कैपेसिटिव सैंसर बनाना है। वह डिजाइन मॉडलिंग एंड फैब्रिकेशन ऑफ हाई परफॉरमेंस कैपेसिटिव सेंसर फॉर नॉन कांटैक्ट मेजरमेंट ऑफ सम इम्पोर्टेन्ट पैरामीटर्स इन स्मार्ट ग्रिड पर काम करेंगी। रुबीना और डॉ इस्लाम दोनों को उम्मीद है कि वे एक ऐसा शोध लेकर आएंगे जो विद्युत उपकरणों की प्रयोज्यता को बढ़ाने में मदद करेगा।

बजट में की गई थी फैलोशिप की घोषणा
बता दें, दिसंबर 2020 ड्राइव की लेटरल एंट्री स्कीम के तहत जामिया के छह रिसर्च स्कॉलर्स को पीएमआरएफ के लिए चुना गया था। इन छह में से पांच छात्राएं हैं। इस आकर्षक फैलोशिप योजना का मुख्य अभिप्रेरण अनुसंधान में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को आकर्षित करना है जिससे नवाचार के माध्यम से विकास की दृष्टि को साकार किया जा सके। इस योजना की घोषणा बजट 2018-19 में की गई थी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anil dev

Recommended News

Related News