सिंघु बार्डर पर युवक की हत्या से आंदोलन पर पर क्या पड़ेगा असर? राकेश टिकैत ने दिया जवाब
punjabkesari.in Saturday, Oct 16, 2021 - 12:54 PM (IST)
नेशनल डेस्क: दिल्ली-हरियाणा की सीमा पर किसानों के कुंडली स्थित प्रदर्शन स्थल के नजदीक एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई और उसका हाथ काट दिया गया। उसके शरीर पर धारदार हथियार से करीब 10 जख्म बने थे और उसे अवरोधक से बांधा गया था। सिंघु बॉर्डर में एक व्यक्ति के शव मिलने पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जिस व्यक्ति ने हत्या कि उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है और पुलिस ने उसे गिरफ़्तार कर लिया है। इसमें और कौन लोग शामिल थे, वह अब जांच का विषय है। इसका आंदोलन पर असर नहीं पड़ेगा।
Whatever happened is wrong. Someone killed him and later the police arrested the killer. The matter is subject to investigation. It will not affect the our protest: BKU leader Rakesh Tikait on body of a man found at Singhu near Delhi-Haryana border pic.twitter.com/GScneZvdaU
— ANI (@ANI) October 16, 2021
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ क्लिप
इस घटना के लिए कथित रूप से निहंगों के एक समूह को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो क्लिप में कुछ निहंगों को जमीन पर खून से लथपथ पड़े एक व्यक्ति के पास खड़े हुए देखा गया है और उसका बायां हाथ कटा हुआ पड़ा है। निहंगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मृतक ने सिखों की पवित्र किताब की बेअदबी की है। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगती सीमाओं पर तीन स्थानों पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के साझा मंच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बताया कि इस नृशंस हत्या की जिम्मेदारी निहंगों के समूह ने ली है। उनका दावा है कि मृतक ने सिखों की पवित्र किताब सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी करने की कोशिश की थी। वरिष्ठ किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने बताया कि निहंगों के समूह ने कथित तौर पर उस व्यक्ति की हत्या की है और वे एसकेएम के प्रदर्शन का हिस्सा नहीं है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि मृतक कुछ समय से निहंगों के उसी समूह के साथ रह रहा था। पुलिस ने बताया कि मृतक लखबीर सिंह पंजाब के तरन तारन जिले के चीमा खुर्द का रहने वाला था और पेशे से मजदूर था। उसकी आयु 35 वर्ष के आसपास थी। उसका शव केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कई महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा बनाए एक मंच के नजदीक पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधक से बांधा गया था। किसानों का प्रदर्शन स्थल दिल्ली-हरियाणा सीमा के पास सिंघू बार्डर पर स्थित है। वीडियो में दिखाई देता है कि निहंग लगातार उससे पूछ रहे हैं कि बेअदबी करने के लिए किसने उसे भेजा था। उनमें से एक व्यक्ति यह कहते सुनाई दे रहा है कि व्यक्ति ‘पंजाबी' है न कि बाहरी और इस मुद्दे को हिंदू-सिख का रंग नहीं दिया जाना चाहिए। जबकि अन्य धार्मिक नारे लगा रहे हैं। निहंग सिख संप्रदाय के हैं और अपने नीले परिधान के लिए जाने जाते हैं और अकसर तलवार लिए होते हैं।
सिंघू बार्डर पर प्रदर्शनकारियों ने हत्या की घटना से दूरी बनाने की कोशिश की
राष्ट्रीय राजधानी में किसानों के प्रदर्शन स्थल सिंघू बार्डर पर एक व्यक्ति की नृशंस हत्या के बाद शुक्रवार को तनाव बना रहा एवं प्रदर्शनकारियों ने इस घटना से दूरी बनाने की कोशिश की। प्रदर्शनकारी किसानों ने इस हत्या के परिणामों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की। उन्होंने उन पत्रकारों से भी दूरी बनाये रखी जो इस घटना के कवरेज के लिए सिंघू बार्डर पहुंचे थे। कुछ मीडियाकर्मियों ने दावा किया कि उन्होंने जब प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने का प्रयास किया तब उनमें से कुछ ने उनके साथ दुर्व्यहार किया। एक खबरिया चैनल के कैमरामैन को तब खदेड़ा गया जब वह घटनास्थल पर पहुंचा। पुलिस के अनुसार जिसकी हत्या की गयी है वह पंजाब के तरणतारण जिले का निवासी लखबीर सिंह (35) है। उसका शव उस मंच के पास पुलिस बैरीकेड से बंधा मिला जिसे दस महीने से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने तैयार कर रखा है।
सोशल मीडिया पर फैले वीडियो क्लिप में कुछ निहंग वहां खड़े नजर आ रहे हैं और वह व्यक्ति खून से लथपथ जमीन पर पड़ा है, उसका कटा हुआ हाथ उसके बगल में है। क्लिप में निहंगों का यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उसे सिखों के पवित्र ग्रंथ को अपवित्र करने की सजा दी गयी है। वैसे कुछ प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि दो समूह थे, एक समूह उसे दंडित करने के पक्ष में था जबकि दूसरा कानून को हाथ में लेने के विरूद्ध था। सुखविंदर सिंह ने दावा किया कि यह घटना तड़के साढ़े चार बजे हुई , दरअसल उस व्यक्ति ने गुरू ग्रंथ साहिब को गंदी जगह रखकर उसका अपमान किया था। उसने कहा, ‘‘ सुबह में स्थिति तनावपूर्ण थी क्योंकि लोग इस घटना को लेकर नाराज थे। दो समूह थे , एक कह रहा था कि कानून हाथ में लेना उपयुक्त नहीं है जबकि दूसरे की भावना गुरू ग्रंथ साहिब के साथ थी।'' एक अन्य प्रदर्शनकारी रवींद्र सिंह ने कहा कि स्थिति तब नियंत्रण में आयी जब लोगों को इस घटना की हकीकत पता चली।
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