देहरादून: त्रिपुरा में छात्र को नस्लीय टिप्पणी का विरोध करना पड़ा भारी, लोगों ने पीट- पीटकर की युवक की हत्या
punjabkesari.in Sunday, Dec 28, 2025 - 10:23 AM (IST)
नेशनल डेस्क : देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ नस्लीय टिप्पणी का विरोध करने पर त्रिपुरा के एक होनहार छात्र को अपनी जान गंवानी पड़ी। त्रिपुरा के उनाकोटी जिले के निवासी और देहरादून की जिज्ञासा यूनिवर्सिटी में MBA फाइनल ईयर के छात्र एंजेल चकमा की मौत के बाद पूरे उत्तर-पूर्व (North-East) में भारी आक्रोश है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामाला-
क्या है पूरी घटना?
जानकारी के अनुसार यह घटना 9 दिसंबर की शाम देहरादून के सेलाकुई इलाके में हुई। एंजेल चकमा और उनका छोटा भाई माइकल चकमा (उत्तरांचल यूनिवर्सिटी का छात्र) घर का सामान खरीदने निकले थे। प्रत्यक्षदर्शियों और परिजनों के मुताबिक शराब के नशे में धुत कुछ स्थानीय युवकों ने उनके शारीरिक रंग-रूप को लेकर नस्लीय और अपमानजनक टिप्पणियां कीं।

जब दोनों भाइयों ने इस दुर्व्यवहार का विरोध किया, तो आरोपियों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया। इस हिंसा में माइकल के सिर पर गंभीर चोट आई, वहीं एंजेल के गले और पेट में चाकू से कई वार किए गए। लगभग दो सप्ताह तक अस्पताल के ICU में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ने के बाद शुक्रवार को एंजेल ने दम तोड़ दिया।
त्रिपुरा में उठी न्याय मांग
शनिवार को जब एंजेल का पार्थिव शरीर अगरतला एयरपोर्ट पहुंचा, तो वहां मौजूद हर आंख नम थी। यूथ टिपरा फेडरेशन (YTF) और छात्र संगठनों समेत भारी संख्या में लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। नंदननगर स्थित उनके आवास पर लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा, जिसके बाद उनके पैतृक गांव उनाकोटी में अंतिम संस्कार किया गया।
नस्लीय भेदभाव पर फिर खड़े हुए सवाल
इस घटना ने एक बार फिर देश के अन्य हिस्सों में उत्तर-पूर्व के छात्रों की सुरक्षा और उनके खिलाफ होने वाले नस्लीय भेदभाव को चर्चा के केंद्र में ला दिया है। विभिन्न छात्र संगठनों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि उत्तर-पूर्व के युवाओं के खिलाफ होने वाले इस प्रकार के उत्पीड़न को रोकने के लिए सख्त कानून और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
