जानिए कौन हैं दिल्ली की पहली ट्रांसजेंडर पार्षद बॉबी किन्नर, अन्ना आंदोलन का रह चुकी हैं हिस्सा

punjabkesari.in Wednesday, Dec 07, 2022 - 03:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की सुल्तानपुरी ए से ट्रांसजेंडर उम्मीदवार बॉबी चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया है। ऐसा दिल्ली में पहली बार हुआ है जब किसी राजनीतिक दल ने किन्नर समुदाय से उम्मीदवार को टिकट दिया हो। बॉबी ने अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार वरुण ढाका को 6,714 मतों से मात दी। चुनाव में बॉबी अकेली ट्रांसजेंडर उम्मीदवार थीं। 

सुल्तानपुर माजरा के वार्ड नंबर 43 ए चुनावी  मैदान में उतरी बॉबी किन्नर ने राज्य  चुनाव आयोग को अपना नामंकन पत्र सौंप दिया है। जिसमें उन्होनें चुनाव आयोग को सौपे हलफनामे में बताया कि उनके पास 10 लाख रुपये के सोने सहित 12.10 लाख रुपये की अचल संपत्ति है। बॉबी किन्नर मात्र 38 वर्ष की है। उन्होनें 9वीं कक्षा तक पढ़ाई की हुई है। वह 15 सालों से 'हिन्दू युवा समाज एकता अवाम आतंकवाद विरोधी समिति' की दिल्ली इकाई की अध्यक्ष हैं। पार्टी का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुने जाने के बाद बॉबी ने कहा था कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र को सुंदर बनाना चाहती हैं और उनके आसपास रहने वाले लोगों के जीवन में सुधार लाना चाहती हैं। बॉबी ने कहा था कि वह दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए काम करेंगी। 

बॉबी पहले शादियों में डांस किया करती थीं। बाद में वह सामाजिक कार्यकर्ता बन गईं और अब राजनीति में अपनी राह बना रही हैं। शुरुआत में बॉबी शादियों और जन्मदिनों में नाचती-गाती थीं। 21-22 साल की होने पर वह एक एनजीओ से जुड़ गईं। वहीं उन्होंने पढ़ना लिखना सीखा। यहीं से उनके सामाजिक कार्यकर्ता बनने की शुरुआत हुई। वह वंचित बच्चों और ट्रांसजेंडर्स के लिए काम करने लगीं। अपने सफर को याद करते हुए बॉबी कहती हैं, ”स्कूल में मुझे परेशान किया जाता था। मेरे माता-पिता मुझसे प्यार करते थे। लेकिन वो भी समाज के दबाव में आ गए। जब मैं लगभग 14-15 साल की थी, तो मुझे मेरे गुरु अपने पास ले आए। वह अब इस दुनिया में नहीं हैं। उन्होंने मुझे रहने की जगह और प्यार दिया। मुझे अपने जैसे लोग मिले, मुझे घर जैसा महसूस हुआ।”

 सुल्तानपुरी वार्ड से चुनाव लड़ रही आप उम्मीदवार बॉबी किन्नर समाजसेवा के कार्य में पिछले कई सालों से सक्रिय हैं। बॉबी किन्नर अन्ना आंदोलन के दौरान राजनीति से जुड़ीं। अन्ना हजारे को देखकर उन्हें लगा कि एक बुजुर्ग आदमी हम सबके लिए आंदोलन कर रहा है, तो उनसे रहा नहीं गया। वह पहले आंदोलन से जुड़ी और बाद में आम आदमी पार्टी (आप) से जुड़ गई।
 


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Content Writer

Anil dev

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