क्या कोविड सचमुच आपके दिल पर असर करता है?

punjabkesari.in Thursday, May 27, 2021 - 03:03 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: हाल ही में एक लेख पढ़ रहा था, जिसका शीर्षक था, सीधा रिकार्ड स्थापित : कोविड से दिल को कोई खतरा नहीं, जो मुझे 2020 में वापिस ले गया, हालांकि यह सफर आसान नहीं था। जनवरी 2020 में मेरी लोक स्वास्थ्य के मेरे स्थानीय निदेशके के साथ वुहान में वायरस के बारे में थोड़ी बातचीत हुई थी। फरवरी का अंत आते आते मैं हर रात ट्विटर पर घंटों बिताने लगा, जब उत्तरी इटली में कहर बरस रहा था। मेरे जैसे ह्रदय रोग विशेषज्ञों को कोविड के तूफान से दो चार होना पड़ रहा था। बहुत से ट्वीट पढ़कर ऐसा लगता था कि कोविड के बहुत से मरीजों को ह्रदय रोग से जुड़ी जटिलताओं ओं का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे मरीजों की कहानियां रोज ही सुनने को मिलती थीं जिन्हें शायद उनका इलाज करने वालों को संक्रमित करने के लिए ही दिल का दौरा पड़ रहा था। ऐसी भी खबरें थीं कि ह्रदय की मांसपेशियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण लोगों का हार्ट फेल हो गया। इस बात को न मानने का कोई कारण नहीं था और इससे किसी को हैरत भी नहीं होती थी। कोविड से पहले की भी बात करें तो मेरे अस्पताल में ऐसे मरीजों को दाखिल किया जाता था जो वायरल इंफेक्शन के कारण दिल की किसी समस्या की शिकायत करते थे-हालांकि इसका कोई निश्चित प्रमाण नहीं होता था। अमूमन यह मामूली होते थे। 

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इस बात के आसार बहुत होते हैं कि अगर आपको जुकाम हो तो आपके सीने में दर्द महसूस हो सकता है और ऐसा दिल की बाहरी परत पर वायरल संक्रमण के असर के कारण होता है। चिकित्सकीय भाषा में इस स्थिति को पेरिकार्डिटिस के तौर पर जानते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि कुछ ऐसे कारणों से जिन्हें हम समझ नहीं पाते वायरल संक्रमण दिल की बहुत गंभीर समस्याएं पैदा कर सकते हैं, जैसे दिल का दौरा, धड़कन की लय में बदलाव, या यहां तक कि हार्ट फेल । ऐसे में सार्स-को वी-2 जैसा वायरस जो रक्त वाहिकाओं की बाहरी परत से जुड़ा है शायद दिल के लिए समस्याएं पैदा कर सकता है। तमाम तरह के अध्ययन के बाद यूनीवर्सिटी के बहुत से डाक्टरों की तरह मैं भी पूरा समय एनएचएस गया और कोविड का सामना करने के लिए तैयार हो गया। मेरे सहयोगियों ने और मैंने हर वह चीज पढ़ना शुरू की, जिससे यह पता चल सके कि कोविड का दिल पर क्या असर होता है। इसके साथ ही हमने वायरस का सीधा अध्ययन भी शुरू किया। एक जर्नल ने हमें उभरते आंकड़ों का अध्ययन करने को कहा। ऐसा लगा कि उस समय यह एक अच्छा विचार है। 

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मई 2020 तक कोविड के मरीजों की ऐसी बहुत सी केस रिपोर्ट्स :एकल मामलों का विवरण : छपने लगीं, जिनमें बहुत तरह की ह्रदय संबंधी परेशानियों का जिक्र था, और ऐसी बहुत सी समीक्षाएं जिनमें दर्जनों पर्चों :सभी 2020 में प्रकाशित: का जिक्र था, जो कोविड की वजह से दिल को होने वाली संभावित दिक्कतों के बारे में बताते थे। यहां ‘संभावित' शब्द को आसानी से नजरअंदाज किया जाता है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है। मई 2020 में जब हमने अपनी पांडुलिपि जमा की, चिकित्सा और जीवन विज्ञान संबंधी लेखों से संबंधित वेबसाइट पबमेड- पर ‘‘कोविड'' और ‘‘कार्डियोवस्कुलर'' संबंधी खोज के दौरान 653 प्रकाशन मिले। हमारे अस्पताल ने 1,450 कोविड रोगियों का इलाज किया था। उनमें से कई फेफड़ों की गंभीर समस्याओं से बुरी तरह बीमार थे - कई की मृत्यु हो गई। यद्यपि जीवन के अंत में तो हृदय भी जवाब दे ही जाता है, हमें हृदय संबंधी प्रत्यक्ष जटिलताओं की बहुलता नहीं मिली, जिसकी हमें उम्मीद थी। जुलाई में जब हमें संशोधित पांडुलिपि जमा करने के लिए बुलाया गया, तब तक पबमेड में 3,055 मामले प्रकाशित हो चुके थे, जिनमें से कई में कोविड के साथ प्रत्यक्ष हृदय संबंधी जटिलताओं की उच्च दर के बारे में चिंता जताई गई थी।

इसमें वे अध्ययन शामिल थे जिन पर उल्लिखित लेख में सवाल उठाए गए हैं। लेकिन साथ ही, कई हाई प्रोफाइल पेपर्स वापस ले लिए गए अथवा प्रकाशित करने की जल्दबाजी में की गई त्रुटियों को ठीक करने के लिए संशोधित किए गए। जब तक हमने सितंबर 2020 में अपनी अंतिम पांडुलिपि को फिर से जमा किया, मैं पहले से ही चिंतित था कि हम एक और पेपर लिखकर समस्या को बढ़ा ही रहे हैं जबकि पहले से ही पढ़ने के लिए बहुत सारे मौजूद थे। हमने अपनी समीक्षा को उपशीर्षक दिया , ‘‘कई प्रकाशन, कई अनिश्चितताएं।'' यद्यपि हमने ह्रदय संबंधी जटिलताओं की रिपोर्ट को शामिल किया, जिनका हमने सामना किया था, विशेष रूप से कोविड से संक्रमित मरीज में रक्त के थक्के जमना, लेकिन हमारा निष्कर्ष यही था कि कोविड संक्रमण के कारण बड़ी संख्या में गंभीर हृदय संबंधी जटिलताओं की हमारी आशंका अब तक पूरी तरह सिद्ध नहीं हुई। इसे एकदम शून्य बार उद्धृत किया गया है। पबमेड खोज को अब तक हमारी रिपोर्ट सहित 6,810 प्रकाशन मिल चुके थे। ऐसा अकसर देखा गया है कि एक दुर्लभ समस्या की तुलना में मरीजों को दो या तीन सामान्य बीमारियां एक साथ होती हैं, जिनकी एक जैसी समस्याएं होती हैं लेकिन जब कोई ‘‘दिलचस्प'' इत्तफाक हो तो उसकी केस रिपोर्ट बनने की अधिक संभावना होती है। जिसमें हृदय की समस्याओं और कोविड के बीच संबंध की बात की जाती है। तो क्या कोविड की बीमारी का दिल पर कोई असर नहीं होता? वास्तव में, मुझे लगता है कि होता है, लेकिन इसके गंभीर रूप उतने सामान्य नहीं हैं जितनी मुझे उम्मीद थी और किसी भी गंभीर बीमारी के अप्रत्यक्ष प्रभावों को बताना मुश्किल है: फिर वह चाहे किसी भी कारण से हो कोविड, कैंसर या कार दुर्घटना।


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Content Writer

Anil dev

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