देश में किल्लत तो विदेश क्यों भेजी कोरोना वैक्सीन, BJP प्रवक्‍ता संबित पात्रा ने दी सफाई

punjabkesari.in Wednesday, May 12, 2021 - 07:05 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भाजपा ने बुधवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) भारत के टीकाकरण अभियान को लेकर अफवाहें फैला रहे हैं और दावा किया कि दोनों टीका निर्माताओं के व्यवसायिक और लाइसेंसिंग उत्तरदायित्व के रूप में टीकों की 84 प्रतिशत से अधिक खुराक विदेश भेजी गई। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने डिजीटल माध्यम से एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 1.07 करोड़ टीकों की खुराक विभिन्न देशों को भारत की ओर से मदद के रूप में भेजी गई जबकि इनमें से 78.5 लाख खुराक सात पड़ोसी मुल्कों को भेजी गई। उन्होंने कहा कि एक सुरक्षित पड़ोसी भारत के लिए भी तो अच्छा है। 

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पात्रा ने कहा कि दो लाख खुराक संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना को दी गई हैं क्योंकि 6,000 से ज्यादा भारत के जवान अलग-अलग देशों में शांति के लिए काम कर रहे हैं। ये वैक्सीन दो कैटेगरी में भेजे गए हैं। पहले मदद के रूप में मात्र 1 करोड़ वैक्सीन भेजी गई हैं। बाकी 5 करोड़ से अधिक वैक्सीन दायित्व के रूप में भेजी गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आप पर हमला करते हुए पात्रा ने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है कि उसने 6.63 करोड़ टीकों की खुराक निर्यात की हैं जबकि उसका इस्तेमाल भारतीयों के टीकाकरण में किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि 5.50 करोड़ टीके बाहर भेजना दोनों भारतीय टीका निर्माताओं के व्यावसायिक व लाइसेंसिंग उत्तरदायित्व का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि कोविशील्ड पर उसके निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) का बौद्धिक संपदा अधिकार एस्ट्राजेनेका के पास है जो कि एक विदेशी कंपनी है। 

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उन्होंने कहा कि टीकों के उत्पादन का एक हिस्सा बाहर भेजना एसआईआई के लिए जरूरी था। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि एसआईआई और कोवैक्सीन के निर्माता भारत बायोटेक के लिए टीके बाहर भेजना उस समझौते का भी हिस्सा था जिसके तहत टीकों के उत्पादन के लिए कच्चा माल हासिल करने के बाबत हस्ताक्षर किया गया था। उन्होंने कहा, यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि भारतीयों को नजरअंदाज कर टीके विदेश भेजे गए। इस वैश्विक युग में कोई भी देश एक द्वीप के रूप में नहीं रह सकता और वैश्विक सहायता जरूरी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र से कह रहे हैं कि टीकों के उत्पादन का फार्मूला अन्य दवा कंपनियों से साझा किया जाना चाहिए ताकि उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा सके लेकिन एसआईआई ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि एस्ट्रेजेनेका के पास बौद्धिक संपदा अधिकार है। आप और कांग्रेस नेताओं से इस मुद्दे का राजनीतिकरण ना करने का आग्रह करते हुए पात्रा ने कहा कि सभी संस्थाएं टीकों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए दिन रात काम कर रही हैं। 


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Content Writer

Anil dev

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