नजरिया: शतक के करीब तेल, 72 पर रुपया, PM मोदी को खतरा तो है भैया

punjabkesari.in Wednesday, Sep 05, 2018 - 02:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क ( संजीव शर्मा ): केंद्र सरकार को बने चार साल बीत चुके हैं। जो लोग पंचम स्वर में अच्छे दिनों की बात कर रहे थे निश्चित ही उनको हकीकत समझ आ गई होगी कि ये मृगमारीचिका ही है। मृगमारीचिका की तरह अच्छे दिन वादों में दिखाए तो जा रहे हैं लेकिन पास जाने पर ये और दूर हो जाते हैं। मृगमारीचिका का एहसास अक्सर मरुस्थल में होता है और शायद इसलिए राजस्थान के लोग इसे सबसे पहले समझे और वहां उपचुनाव में उन्होंने शुरुआत कर दी। जल्द ही यह बात मध्य प्रदेश और योगी के राज्य वालों को भी समझ आ गई और उन्होंने भी अपने यहां उपचुनावों में वोटों के सौदागरों को जमीन सुंघा दी, लेकिन चूंकि सौदागरों की तिजोरी अभी राज्य सरकारों से भरी पड़ी है इसलिए वो बेफिक्र हैं । इसमें उनका कोई कसूर भी नहीं। भरी तिजोरी का इतना घुमान तो होगा ही। इसलिए सब मस्त हैं। क्या शाह क्या सेवादार और क्या चौकीदार। और इसी मस्ती के आलम में झूम रहे हुक्मरानों की नजर बचाकर रूपया डॉलर के मुकाबले 72 तक जा पहुंचा है। 

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उधर पेट्रोल -डीजल ने तो और भी स्पीड पकड़ ली है। वैसे भी उनका तो सम्बन्ध ही सपीड से है। दोनों कोहली-रोहित की जुगलबंदी दोहरा रहे हैं।  एक 86 पर तो दूसरा 80 पर। शतक अब लगा के तब लगा। और इनके शतक को लेकर अब तो आम जनता भी परेशान हो उठी है। हालांकि साहब ने स्वस्थ होकर आते ही डाटा जारी कर दिया है कि जीडीपी 8 हो गई है घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन जनता जो आम तौर पर यूं भी नासमझ होती है,उसे यह कतई समझ नहीं आ रहा कि जीडीपी ऊपर जा रही है तो फिर उसकी जेब क्यों खाली हुई जा रही है? निश्चित ही यह गहन मंथन का विषय है।  लेकिन  इसकी चिंता जिन्हें करनी चाहिए कोई उनकी चिंता को नहीं समझ रहा। उनके सामने इस समय आका की जान का संकट है।  पता नहीं कहां-कहांलोग कौन कौन सी गली में साहब ले लिए लैंडमाईन्स बिछाए बैठे हैं। इसलिए सारी सरकार यह ढूंढने में जुटी है कि साहब कोमारने की कोशिश और साजिश कौन कर रहा है। 

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उनकी धर -पकड़ हो जाए तो साहब सुरक्षित हो जाएंगे। जब साहब सुरक्षित नहीं होंगे तो देश कैसे राहत में होगा।  इसलिए हे प्यारे देशवासियों सब दु:ख भुला कर जोर लगा दो। पीएम की जान खतरे में है, वो तुम्हारी तरह कोई आम आदमी थोड़े हैं।  इसलिए उनको सुरक्षित करो। कुछ ऐसा करो कि वे लोक कल्याण मार्ग वाले बंगले में ही बने रहें। वही उनके लिए सबसे सुरक्षित जगह है।  और एकबार उनकी सुरक्षा तय हो जाए तो फिर आपके खाते में 15 लाख आ जाएंगे। और जब 15 लाख आ जाएंगे तब पेट्रोल-डीजल कितना भी महंगा क्यों न हो आप जी भर के टंकी फुल करा लेना। फिलहाल कोई शोर न मचाएं, तेल में आग लगने दो, रुपया भाड़ में भी जाता है तो चला जाए ,क्योंकि पीएम को खतरा है। चौकीदार को खतरा है। चौकीदार ही नहीं रहेगा तो फिर आपके घर की सुरक्षा कौन करेगा,  इसलिए आपके घर को भी खतरा है। और जब खुद का घर /जान खतरे में हो तो रूपए-पैसे और तेल-गैस के दामों की चिंता नहीं करते। इसलिए। .. शत्रुघ्न का वो डायलॉग याद करो --- खामोश ----।

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Anil dev

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