पूर्वोत्तर में मोदी सरकार का बड़ा फैसला, दशकों बाद कम होंगे नागालैण्ड, असम और मणिपुर में AFSPA एरिया
punjabkesari.in Thursday, Mar 31, 2022 - 04:16 PM (IST)
नई दिल्ली: पूर्वोत्तर में मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वीरवार को ऐलान किया कि दशकों बाद नगालैंड, असम और मणिपुर में सशस्त्र बल विशेषा अधिकार अधिनियम (आफस्पा) के तहत आने वाले अशांत क्षेत्रों को घटाया जा रहा है। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस फैसले का मतलब यह नहीं है कि उग्रवाद प्रभावित इन राज्यों से आफस्पा को पूरी तरह से हटाया जा रहा है, बल्कि यह कानून तीन राज्यों के कुछ इलाकों में लागू रहेगा। शाह ने ट्विटर पर कहाकुएक अहम कदम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में भारत सरकार ने नगालैंड, असम और मणिपुर में दशकों बाद सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून के तहत आने वाले अशांत इलाकों को घटाने का फैसला किया है।”
गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा में सुधार, निरंतर प्रयासों के कारण तेज़ी से हुए विकास, मोदी सरकार द्वारा उग्रवाद खत्म करने के लिए किए गए कई समझौतों और पूर्वोत्तर में स्थायी शांति के फलस्वरूप आफस्पा के तहत आने वाले इलाकों को घटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अटूट प्रतिबद्धता की वजह से दशकों से उपेक्षा झेल रहा हमारा पूर्वोत्तर क्षेत्र अब शांति, समृद्धि और अभूतपूर्व विकास का गवाह बन रहा है। मैं पूर्वोत्तर के लोगों को इस अहम मौके पर बधाई देता हूं।
इन तीन पूर्वोत्तरी राज्यों में दशकों से आफस्पा लागू है जिसका मकसद क्षेत्र में उग्रवाद से निपटने के लिए तैनात सुरक्षा बलों की मदद करना है। आफस्पा सुरक्षा बलों को अभियान चलाने और बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने की शक्ति प्रदान करता है और अगर सुरक्षा बलों की गोली से किसी की मौत हो जाए तो भी यह उन्हें गिरफ्तारी और अभियोजन से संरक्षण प्रदान करता है। इस कानून के कथित ‘कड़े’ प्रावधानों के कारण समूचे पूर्वोत्तर और जम्मू कश्मीर से इसे पूरी तरह से हटाने के लिए प्रदर्शन होते रहे हैं।
In a significant step, GoI under the decisive leadership of PM Shri @NarendraModi Ji has decided to reduce disturbed areas under Armed Forces Special Powers Act (AFSPA) in the states of Nagaland, Assam and Manipur after decades.
— Amit Shah (@AmitShah) March 31, 2022
क्या है AFSPA ?
इसका पूरा नाम The Armed Forces (Special Powers) Act, 1958 (AFSPA) है। संसद ने साल 1958 में AFSPA को पारित किया था जिसके बाद 11 सितंबर, 1958 को AFSPA लागू हुआ था। शुरू में यह पूर्वोत्तर और पंजाब के उन क्षेत्रों में लगाया गया था, जिनको 'अशांत क्षेत्र' घोषित कर दिया गया था। इनमें से ज्यादातर 'अशांत क्षेत्र' की सीमाएं पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश और म्यांमार से सटी थीं। सितंबर 2017 तक मेघालय के करीब 40 फीसदी हिस्से में AFSPA लागू था। बाद में गृह मंत्रालय की समीक्षा के बाद राज्य सरकार ने मेघालय से अफ्सपा को पूरी तरह वापस लेने का फैसला किया।
AFSPA सुरक्षा बलों को कहीं भी अभियान चलाने और बिना किसी पूर्व वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है। यह किसी ऑपरेशन के गलत होने की स्थिति में सुरक्षा बलों को एक निश्चित स्तर की प्रतिरक्षा भी देता है।