''मुफ्त में चीजें देने से नहीं दूर होती गरीबी...'', ‘रेवड़ी कल्चर’ पर नारायण मूर्ति ने उठाए सवाल, बोले- रोजगार से आएगी समृद्धि

punjabkesari.in Thursday, Mar 13, 2025 - 04:49 PM (IST)

नेशनल डेस्क: इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने ‘रेवड़ी कल्चर’ पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि मुफ्त चीजों से गरीबी का समाधान नहीं हो सकता है, बल्कि रोजगार से ही समृद्धि आएगी। उन्होंने सरकार से यह आग्रह किया कि जो भी सब्सिडी दी जाए, उसकी कड़ी निगरानी की जाए।

'मुफ्त चीजें देने से गरीबी दूर नहीं होती...'
मुंबई में आयोजित एक स्टार्टअप इवेंट में नारायण मूर्ति ने कहा, "मुझे पूरा यकीन है कि आप सभी आने वाले समय में लाखों नौकरियां पैदा करेंगे और यही गरीबी के समाधान का तरीका है। मुफ्त चीजें देने से गरीबी दूर नहीं होती, ऐसा कोई भी देश नहीं कर सका है।" नारायणमूर्ति ने ‘रेवड़ी कल्चर’ पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि जो सरकारें मुफ्त बिजली, राशन या अन्य सुविधाएं देती हैं, उनका उपयोग कैसे हो रहा है, इसकी निगरानी करनी चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि किसी परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाती है, तो छह महीने बाद यह जांच होनी चाहिए कि वे इसका सही तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं या नहीं।

'कोई भी देश रेवड़ी कल्चर से सफल नहीं हो पाया है'
उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी पार्टी के वादों पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं, बल्कि नीतिगत दृष्टिकोण से यह बात कर रहे हैं। अगर सरकार किसी को लाभ दे रही है, तो उसके बदले कुछ शर्तें भी होनी चाहिए। नारायण मूर्ति के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वह मुफ्त योजनाओं के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि उनके सही इस्तेमाल और निगरानी की बात कर रहे हैं। नारायण मूर्ति ने कहा कि कोई भी देश रेवड़ी कल्चर से सफल नहीं हो पाया है। उनका इशारा वेनेजुएला जैसे देशों की तरफ था, जिसने तेल की कमाई से नागरिकों को मुफ्त योजनाएं दी थीं, लेकिन बाद में उसकी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से संकट में पड़ गई।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Harman Kaur

Related News