punjabkesari.in Sunday, Aug 25, 2024 - 06:51 PM (IST)
उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के बनेड़ा स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक विवाद सामने आया है। हिंदू छात्रों का आरोप है कि उन्हें तिलक लगाकर स्कूल आने की अनुमति नहीं दी जाती, और तिलक लगाने पर उसे मिटा दिया जाता है। इसके विपरीत, मुस्लिम छात्रों को टोपी पहनने की अनुमति दी जाती है और उन्हें जुमे की नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद ले जाया जाता है।
इस मामले के सामने आने के बाद, बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने विद्यालय का निरीक्षण कर जांच के आदेश दिए हैं। न्यूज एजेंसी के अनुसार, क्लास सिक्स के छात्र मयंक ने आरोप लगाया कि उनकी अध्यापिका आयशा ने उन्हें तिलक लगाकर स्कूल आने से मना कर दिया। मयंक का कहना है कि आयशा हिंदू छात्रों को तिलक लगाने से रोकती हैं, जबकि कुछ मुस्लिम छात्र टोपी पहनकर स्कूल आते हैं और उन्हें किसी प्रकार की रोकथाम का सामना नहीं करना पड़ता। इस शिकायत के आधार पर, बीएसए ने मामले की गहन जांच का आदेश दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्कूल में सभी छात्रों को समान अवसर और धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त हो।
आरएसएस के खंड कार्यवाह रोहित ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी की है। उन्होंने बताया कि उनकी शाखा में 50 बच्चे आते हैं, जिनमें से कुछ मुस्लिम बच्चे स्कूल में टोपी पहनकर आते हैं और उन्हें कोई समस्या नहीं होती। इसके विपरीत, हिंदू बच्चों को चोटी रखने और तिलक लगाने के लिए मना किया जाता है। रोहित ने इस असमान व्यवहार की शिकायत की है और उचित जांच की मांग की है।
बीएसए ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और विद्यालय का निरीक्षण कर जांच का आदेश दिया है। बीएसए योगेंद्र कुमार ने बताया कि इस मामले की जांच तत्काल प्रभाव से एबीएसए को सौंप दी गई है। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक, विशेषकर मुस्लिम शिक्षक, को स्कूल में उचित ड्रेस पहनकर आना चाहिए। बीएसए ने यह भी आश्वासन दिया कि जांच के दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्कूल में सभी छात्रों और कर्मचारियों के साथ समान व्यवहार किया जाए और किसी भी धार्मिक भेदभाव की संभावना को समाप्त किया जाए।
Utsav Singh