पत्नी की कत्ल में पति जेल में था बंद, 5 महीनें बाद मिली जिंदा और अपने आशिक के साथ...

punjabkesari.in Thursday, Nov 27, 2025 - 05:14 PM (IST)

नेशनल डेस्क : बिहार के मोतिहारी से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। अरेराज के वार्ड नंबर-10 का रहने वाला रंजीत कुमार पिछले पांच महीनों से जेल में बंद था, क्योंकि उसके ऊपर यह आरोप था कि उसने अपनी पत्नी गुंजा देवी की हत्या कर उसे जला दिया। हालांकि, हाल ही में यह खुलासा हुआ कि गुंजा देवी जिंदा है और वह अपने प्रेमी के साथ दिल्ली में रह रही थी।

क्या है पूरा मामला
रंजीत कुमार और गुंजा देवी की शादी हुई थी। आरोप है कि शादी के बाद भी गुंजा देवी किसी अन्य व्यक्ति से मोबाइल पर संपर्क में थी। इसको लेकर वह अपने पति के साथ कई बार कहासुनी करती रही। एक विवाद के बाद गुंजा देवी घर छोड़कर चली गई। इसके बाद रंजीत के ससुराल पक्ष ने उस पर पत्नी की हत्या करने का आरोप लगाया। इस आरोप के आधार पर पुलिस ने रंजीत कुमार को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया।

पति की बार-बार अपील पर भी पुलिस ने नहीं सुनी
रंजीत लगातार पुलिस के पास यह साबित करने की कोशिश करता रहा कि उसकी पत्नी जीवित है और कहीं चली गई है। उसने कई बार पुलिस से गुहार लगाई और सीसीटीवी फुटेज भी पेश किया। इसके बावजूद पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी और उस पर हत्या का मामला दर्ज कर दिया।

महिला को प्रेमी के साथ पकड़ने में सफलता
रंजीत के परिवार और परिजनों के सहयोग से पुलिस ने हाल ही में दिल्ली से गुंजा देवी को उसके प्रेमी के साथ पकड़ लिया। जानकारी के अनुसार, वह युवक भी गुंजा देवी के गांव का ही निवासी है। मामले में एसडीपीओ ने बताया कि इस पूरी घटना की जांच अभी भी जारी है और जो भी गड़बड़ी पाई जाएगी, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। रंजीत के पिता ने इस मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट में जब पुलिस से चार्जशीट और सबूत मांगे गए, तो पुलिस यह साबित नहीं कर सकी कि गुंजा देवी की हत्या हुई है। इसके बाद पुलिस को यह जानकारी मिली कि गुंजा देवी अपने प्रेमी के साथ नोएडा में रह रही थी।

पुलिस की कार्यवाही और भविष्य की जांच
इस पूरे मामले ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस के रवैये पर भी सवाल खड़े किए हैं। पुलिस ने महिला को सुरक्षित बरामद कर कोर्ट में पेश किया है और मामले की जांच जारी है। एसडीपीओ ने बताया कि जांच में जो भी कमियाँ पाई जाएंगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, पुलिस यह भी सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में ऐसे झूठे आरोप और झूठी शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए और कानून का पालन हो।

इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि व्यक्तिगत झगड़े और पारिवारिक विवाद कभी-कभी गलत आरोपों के रूप में सामने आ सकते हैं, जिससे निर्दोष व्यक्ति को जेल की सजा झेलनी पड़ सकती है। रंजीत कुमार की इस लंबी और कठिन यात्रा ने यह साबित किया कि सच को साबित करने के लिए कभी-कभी बहुत धैर्य और सबूत जुटाने की आवश्यकता होती है।


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Content Editor

Shubham Anand

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