100 से अधिक मौतों के बावजूद, बांग्लादेश में हिंदू नहीं छोड़ रहे मातृभूमि, अमेरिका में भी हिंसा के खिलाफ प्रोटेस्ट

punjabkesari.in Monday, Aug 12, 2024 - 12:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बांग्लादेश में हालिया तख्तापलट के बाद अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर हिंदुओं, के खिलाफ हिंसा और अत्याचार की घटनाएं बढ़ गई हैं। 5 अगस्त 2024 के बाद से बांग्लादेश में 232 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, और 52 जिलों में 205 से अधिक हिंसा की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इन घटनाओं में अधिकांश हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया है। इस स्थिति ने बांग्लादेश और अन्य देशों में व्यापक विरोध को जन्म दिया है।

बांग्लादेश के हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यक समूहों ने हालात के खिलाफ आवाज उठाई है। हजारों की संख्या में हिंदू नागरिक सड़कों पर उतर आए हैं और शांति की मांग कर रहे हैं। उनके द्वारा आयोजित रैलियों में "बांग्लादेशी हिंदू समाज की रक्षा करो" और "जय श्री राम" जैसे नारे सुनाई दे रहे हैं। प्रदर्शनकारी अपने मंदिरों के तोड़े जाने और लड़कियों के खिलाफ अत्याचार के खिलाफ गुस्से का इजहार कर रहे हैं। 

मोहम्मद युनूस ने की शांति की अपील
नोबल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनूस ने बांग्लादेश के विश्वविद्यालयों के छात्रों से शांति की अपील की है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक और हिंदू भी बांग्लादेश के नागरिक हैं और उनकी सुरक्षा हमारे सभी का कर्तव्य है। युनूस ने छात्रों से आग्रह किया कि वे इस संकट के समय में एकजुट होकर शांति बनाए रखें और अपने भाइयों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

अमेरिका में दिखा विरोध प्रदर्शन
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की खबरों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी प्रभावित किया है। अमेरिका में, हस्टन के शुगर लैंड सिटी हॉल में रविवार को लगभग 300 लोगों की भीड़ ने प्रदर्शन किया। इसमें भारतीय और बांग्लादेशी मूल के अमेरिकी नागरिक शामिल थे। प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी सरकार से बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। वे चाहते हैं कि अमेरिकी सरकार बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई करे।
 


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Content Editor

Mahima

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