बांग्लादेश में फिर अल्पसंख्यकों पर अत्याचार: कट्टरपंथियों के 6 मंदिरों पर हमले व लूटपाट, 2 हिंदुओं की हत्या
punjabkesari.in Sunday, Jan 12, 2025 - 03:22 PM (IST)
Dhaka: बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंदू समुदाय के खिलाफ कट्टरपंथी हमले फिर से बढ़ गए हैं, जिससे हिंदुओं में दहशत का माहौल पैदा हो गया है। करीब एक पखवाड़े बाद, कट्टरपंथियों ने छह मंदिरों को निशाना बनाया। यह हमले चटगांव के हथाजारी क्षेत्र, कॉक्स बाजार और लाल मोनिरहाट में हुए हैं। इसके अलावा, हिंदू समुदाय के लोगों को भी हिंसा का शिकार बनाया गया है, जिसमें हत्या और अपहरण की घटनाएं भी शामिल हैं। चटगांव के हथाजारी में चार मंदिरों में डकैती की घटनाएं हुई हैं। इनमें मां विश्वेश्वरी काली मंदिर में सोने के गहनों और दानपेटी की लूटपाट हुई है, साथ ही सत्यानारायण सेवा आश्रम, मां मागधेश्वरी मंदिर और जगबंधु आश्रम में भी चोरी की घटनाएं हुई हैं।
इसके अलावा, कॉक्स बाजार के श्रीमंदिर में भी चोरी की घटना सामने आई है। यहां चोरों ने सीसीटीवी रिकॉर्डिंग को नष्ट कर दिया था। लाल मोनिरहाट में भी हिंदू मंदिरों पर हमले हुए हैं, जिसमें प्राचीन मूर्तियां और पूजन सामग्री लूटी गईं।इन हमलों के अलावा, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ अन्य हिंसक घटनाएं भी सामने आई हैं। इनमें से एक घटना में पूर्व कॉलेज शिक्षक दिलीप कुमार रॉय (71) को उनके घर में घुसकर हत्या कर दी गई। दूसरी घटना में 26 वर्षीय व्यवसायी सुदेव हलदर की गला रेतकर हत्या की गई। इसके अलावा, एक हिंदू व्यापारी का अपहरण कर फिरौती वसूलने के बाद उसे छोड़ दिया गया। इन घटनाओं के बावजूद, बांग्लादेश पुलिस ने अभी तक किसी भी अपराधी को गिरफ्तार नहीं किया है। इन मामलों में पुलिस की निष्क्रियता सवाल उठाती है। चटगांव में एक हिंदू प्रिंसिपल, चंदन महाजन को कट्टरपंथियों ने जबरन इस्तीफा देने पर मजबूर किया। यह कदम धार्मिक घृणा से प्रेरित बताया जा रहा है।
बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद के कार्यवाहक महासचिव मणींद्र कुमार नाथ ने आरोप लगाया है कि बांग्लादेश की यूनुस सरकार कट्टरपंथियों को खुला संरक्षण दे रही है। उनका कहना है कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे हमले रोकने में सरकार की विफलता इसे साबित करती है। नाथ ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में लोकतंत्र का कोई अस्तित्व नहीं बचा है और अल्पसंख्यक समुदाय असुरक्षित महसूस कर रहा है। बांग्लादेश पुलिस ने शनिवार को एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कहा गया कि अगस्त 2024 से जनवरी 2025 के बीच हुए अधिकांश हमले राजनीति से प्रेरित थे, न कि सांप्रदायिक।
पुलिस के अनुसार, इन घटनाओं में 1,769 हमले शामिल थे, जिनमें हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमले भी थे। रिपोर्ट के अनुसार, 1,234 घटनाएं राजनीति से प्रेरित थीं और केवल 20 घटनाएं सांप्रदायिक थीं। पुलिस का दावा है कि 115 मामलों में 100 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन इस पर कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि पुलिस ने सैकड़ों मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की।बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा और हमलों का यह सिलसिला लगातार जारी है। सरकार और पुलिस की निष्क्रियता ने इन समुदायों के लिए सुरक्षा संकट पैदा कर दिया है। कट्टरपंथियों की बढ़ती ताकत और उनकी हिंसक गतिविधियां बांग्लादेश में सांप्रदायिक तनाव को और बढ़ा रही हैं, और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों का यह सिलसिला थमने के बजाय तेज हो रहा है।