पूर्व क्रिकेटर Mohammad Azharuddin को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भेजा नोटिस, 20 करोड़ के फर्जीवाड़े का मामला
punjabkesari.in Thursday, Oct 03, 2024 - 12:18 PM (IST)
नेशनल डेस्क: पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन को हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तलब किया है। यह मामला हाल ही में बढ़ी हुई जांचों और विवादों के कारण सुर्खियों में है। यह पहली बार है जब अजहरुद्दीन को ED ने बुलाया है, और उन्हें गुरुवार को ED के समक्ष पेश होना होगा।
क्या है मामला
मामला हैदराबाद के उप्पल क्षेत्र में स्थित राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम से संबंधित है, जहां ₹20 करोड़ की धनराशि के दुरुपयोग का आरोप है। यह धनराशि डीजल जनरेटर, अग्निशामक प्रणाली और छतों की खरीद के लिए आवंटित की गई थी। जांच एजेंसी के अनुसार, इस धन का उपयोग करने में गंभीर अनियमितताएँ की गई हैं।
ED की जांच की प्रक्रिया
नवंबर 2023 में, ED ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत तेलंगाना के नौ स्थानों पर छापेमारी की थी। इन छापों का उद्देश्य HCA के कार्यों में हुए वित्तीय गड़बड़ियों की जांच करना था। गद्दाम विनोद, जो एक प्रमुख व्यक्ति हैं, के आवास पर छापेमारी की गई थी। इसके अलावा, शिवलाल यादव और अरशद अयूब, जो पहले HCA के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सचिव रह चुके हैं, के घरों पर भी जांच की गई।
आपत्तिजनक दस्तावेज़ और डिजिटल डिवाइस बरामद
छापेमारी के दौरान ED ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ और डिजिटल डिवाइस बरामद किए। इनमें 10.39 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी भी शामिल थी। यह राशि संदिग्ध गतिविधियों से संबंधित हो सकती है। ED ने इस संबंध में यह भी पाया कि गद्दाम विनोद के परिसर का उपयोग उनके भाई गद्दाम विवेकानंद द्वारा नियंत्रित कंपनियों के कार्यालय के रूप में किया जा रहा था।
आरोप पत्र की जानकारी
ED ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा दर्ज तीन FIR और HCA के 20 करोड़ रुपये के आपराधिक दुरुपयोग के संबंध में आरोप पत्र के आधार पर अपनी जांच शुरू की। आरोप पत्र में स्पष्ट किया गया है कि HCA के पदाधिकारियों ने निजी पार्टियों के साथ मिलीभगत करके विभिन्न निविदाएं और कार्य मनमाने ढंग से आवंटित किए।
गंभीर अनियमितताएँ
आरोप पत्र में बताया गया है कि कई कार्यों में अत्यधिक देरी की गई, जिससे न केवल लागत में वृद्धि हुई बल्कि यह भी स्पष्ट हुआ कि HCA को गंभीर आर्थिक नुकसान हुआ। यह जानकारी भी मिली है कि एचसीए के अधिकारियों ने उचित निविदा प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया और कई मामलों में तो कोटेशन प्राप्त होने से पहले ही ठेके आवंटित कर दिए।
राजनीतिक और व्यक्तिगत करियर पर प्रभाव
जांच के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों से यह भी पता चला है कि विसाका इंडस्ट्रीज और उसकी समूह कंपनियां बड़े मूल्य के नकद लेनदेन और नकद भुगतान में शामिल रही हैं। इसने एक संदेहास्पद आर्थिक नेटवर्क का संकेत दिया है, जहां विभिन्न व्यक्तियों से नकद प्राप्त किया गया और इन लेनदेन को अपने रियल एस्टेट व्यवसाय के खातों में समायोजित किया गया। मोहम्मद अजहरुद्दीन के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर हैं और इस मामले की जांच आगे बढ़ने पर उनके राजनीतिक और व्यक्तिगत करियर पर प्रभाव डाल सकती है। अब यह देखना होगा कि इस मामले में ED की कार्रवाई किस दिशा में आगे बढ़ती है और क्या नए खुलासे होते हैं। अजहरुद्दीन को अपनी स्थिति को स्पष्ट करने का एक महत्वपूर्ण अवसर मिलेगा, और उनके समर्थक तथा आलोचक दोनों ही इस मामले की ताजा जानकारी पर नजर बनाए रखेंगे।