मोदी VS मनमोहन सरकार के बजट

punjabkesari.in Friday, Jul 05, 2019 - 08:14 AM (IST)

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने इस साल 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था। पूर्ण बजट नई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को पेश करेंगी। इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेतली ने साल 2018 में केंद्र सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया था। इसके विपरीत मनमोहन सरकार में वित्तीय वर्ष 2009-10 के लिए बजट में कई लोक-लुभावन चीजों का ऐलान किया गया था। मनमोहन सरकार के दूसरे कार्यकाल के इस बजट में जहां एक तरफ सीनियर सिटीजन से लेकर आम लोगों तक को टैक्स में छूट दी गई तो वहीं दूसरी तरफ डायरैक्ट टैक्स में कुछ स्ट्रक्चरल चेंजिस का प्रावधान भी किया गया।

राजग और यू.पी.ए. सरकार के पिछले बजटों की तुलना एक नजर :-
राजग के बजट पर एक नजर

  • नरेंद्र मोदी सरकार के पहले बजट के जरिए देश की अर्थव्यवस्था को 7-8 फीसदी जी.डी.पी. ग्रोथ के साथ ‘सबका साथ-सबका विकास’ का नारा दिया।
  • दूसरे बजट में सरकार जी.एस.टी. और जन-धन, आधार और मोबाइल के जरिए डायरैक्ट बैनीफिट ट्रांसफर (सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में या डी.बी.टी.) लांच करने के लिए कड़े आर्थिक सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाती हुई दिखी।
  • तीसरे बजट से पहले वैश्विक स्तर पर चुनौतियां बढऩे के बाद भी सरकार के सामने जी.डी.पी. ग्रोथ के बेहतर आंकड़े थे। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम.एफ.) ने भारत को सुस्त पड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था के बीच एक बेहतर भविष्य वाली इकोनॉमी घोषित किया।
  • मोदी सरकार के कार्यकाल में चौथा बजट पेश करने से ठीक पहले देशभर में काले धन पर लगाम लगाने के लिए नोटबंदी का फैसला लिया गया। सालाना बजट में कमजोर मांग बड़ी चुनौती बनकर उभरी। इससे पिछले 2 बजट के दौरान देश में जी.डी.पी. ग्रोथ में तेजी देखी गई थी।
  • केंद्र सरकार के आखिरी पूर्ण बजट से उम्मीद की जा रही थी कि आगामी लोकसभा और 8 राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले सरकार कुछ लुभावनी घोषणाएं करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। साल 2018 के बजट में मध्यम वर्ग को कुछ खास हाथ नहीं लगा। इंकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया। इसकी जगह एजुकेशन सैस 3 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया गया।
  • वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने इस साल 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था। इसमें उन्होंने किसानों सहित समाज के बड़े हिस्से को लुभाने की कोशिश की थी। मिडल क्लास को 5 लाख रुपए तक की आय को इन्कम टैक्स से छूट, 5 हैक्टेयर तक जमीन वाले किसानों के लिए सालाना 6000 रुपए आय की स्कीम, असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को प्रति माह 3 हजार रुपए की पैंशन का ऐलान किया गया।


यू.पी.ए. के बजट की खास बातें

  • लेहमन संकट के चलते एक्सपोर्ट और इंश्योरैंस प्रोटैक्शन के लिए आॢथक सहायता का ऐलान किया गया था।
  • वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर में डायरैक्ट छूट की सीमा 15 हजार रुपए जबकि बाकी सभी नागरिकों के आयकर में 10 हजार रुपए की छूट दी गई।
  • आयकर के ऊपर लगे 10 फीसदी सरचार्ज को हटाया गया।
  • फ्रिज बैनिफिट टैक्स और कमॉडिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स को वापस लिया गया।
  • रेलवे, कोस्टल और इनलैंड वाटरवे के जरिए भेजी जाने वाली वस्तुओं पर सॢवस टैक्स लगाया।
  • प्रत्यक्ष कर में डायरैक्ट टैक्स कोड के जरिए अप्रत्यक्ष करों में 1 अप्रैल 2010 से जी.एस.टी. लाकर टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव का प्रस्ताव किया गया।
  • फर्टीलाइजर्स के लिए न्यूट्रिएंट बेस्ड सबसिडी देने पर विचार किया गया।
  • पैट्रोलियम प्राइसिंग को लेकर एक्सपर्ट ग्रुप की तरफ से स्टडी करने की बातें कही गईं।

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Seema Sharma

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