‘Make in India और आत्मनिर्भर भारत’ जैसे प्रोग्राम को रफ्तार देगी मोदी सरकार, विदेशी हथियार खरीद पर लग सकती है रोक
punjabkesari.in Monday, Jan 10, 2022 - 11:06 PM (IST)
नेशनल डेस्कः मोदी सरकार मेक इन इंडिया (Make in India) और आत्म निर्भर भारत (Aatmnirbhar Bharat) जैसे प्रोग्राम को बढ़ावा देने के लिए रक्षा आयात परियोजनाओं पर रोक लगाने पर विचार कर रही है। सरकार की यह पहल ऐसे समय में आई है जब केंद्र नई रक्षा उत्पादन और निर्यात संवर्धन नीति लेकर आ रहा है जो देश के भीतर रक्षा उत्पादन को मजबूत करने और मित्र देशों को उनके निर्यात में मदद करने के लिए आगे का रास्ता तय करेगी।
सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय बुधवार को इस संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक करने जा रहा है, जिसमें वैश्विक श्रेणी के तहत आयात परियोजनाओं की समीक्षा की जाएगी। बैठक के बाद फैसला किया कोई बड़ा निर्णय जा सकता है। बाय ग्लोबल कैटेगरी का मतलब है कि रक्षा बल विदेशी कंपनियों से पूरी तरह से वस्तु का आयात कर सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि अब पहली वरीयता भारतीय विकसित डिजाइन और निर्मित (आईडीडीएम) उत्पादों के अधिग्रहण को दी जाएगी।
सूत्रों ने कहा कि 'मेक इन इंडिया' के लिए प्रमुख जोर यह सुनिश्चित करने जा रहा है कि भारतीय निर्माताओं को कई हजार करोड़ की परियोजनाएं दी जाएंगी। इस निर्णय का मतलब यह होगा कि भारतीय नौसेना, वायु सेना और सेना की बड़ी संख्या में परियोजनाएं प्रभावित होंगी, जिनमें भारतीय नौसेना की कामोव हेलीकॉप्टर अधिग्रहण परियोजना जैसी काफी उन्नत अवस्था में हैं। सरकार के इस नए फैसले से लड़ाकू प्लेटफॉर्म, बंदूकें और जहाजों सहित विमान से संबंधित कई परियोजनाएं प्रभावित होने वाली हैं।
प्रधान मंत्री मोदी द्वारा तत्कालीन चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत सहित रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करने के बाद यह पहल आ रही है, जहां यह महसूस किया गया कि रक्षा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर भारत की ओर मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। बैठक के बाद रक्षा मंत्रालय के एक अतिरिक्त सचिव-रैंक के अधिकारी ने तीनों सेनाओं को एक नोट लिखा जिसमें कहा गया था कि "सभी हितधारक सैद्धांतिक रूप से कॉल कर सकते हैं कि रक्षा वस्तुओं का कोई आयात आगे नहीं बढ़ रहा है।" इसमें कहा गया है, "सभी पूंजीगत और राजस्व खरीद प्रस्तावित या वर्तमान में समीक्षा की जा रही है। यह समीक्षा 15 जनवरी तक पूरी की जानी है।"
बता दें कि प्रधान मंत्री व्यक्तिगत रूप से रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं और समय-समय पर दोनों सेवाओं और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि रक्षा में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए और कदम उठाए जाएं।