भारतीय वायुसेना की बढ़ेगी ताकत, 97 तेजस विमानों के लिए HAL के साथ हुआ 62,370 करोड़ का ऐतिहासिक समझौता

punjabkesari.in Thursday, Sep 25, 2025 - 04:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क : भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय (MoD) ने गुरुवार (25 सितंबर, 2025) को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ एक ऐतिहासिक समझौता किया। इस करार के तहत भारतीय वायुसेना के लिए 97 स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस Mk1A विमानों की खरीद की जाएगी। इस डील की कुल लागत 62,370 करोड़ रुपये (करों को छोड़कर) है, जिसमें 68 सिंगल-सीटर लड़ाकू विमान और 29 ट्विन-सीटर ट्रेनर विमान, साथ ही संबंधित उपकरण और सपोर्ट सिस्टम शामिल हैं।

‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बड़ा कदम
यह समझौता ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। HAL द्वारा निर्मित तेजस Mk1A अत्याधुनिक स्वदेशी लड़ाकू विमान है, जो न केवल भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमता को मजबूत करेगा, बल्कि रक्षा उत्पादन क्षेत्र में भारत को वैश्विक स्तर पर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। रक्षा मंत्रालय ने इसे स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है।

वायुसेना की ताकत में होगी बढ़ोतरी
तेजस Mk1A के बेड़े में शामिल होने से भारतीय वायुसेना को तेज, आधुनिक और विश्वसनीय लड़ाकू विमान उपलब्ध होंगे। यह वायुसेना की स्क्वाड्रन स्ट्रेंथ को बढ़ाएगा और पुराने MiG-21 विमानों के चरणबद्ध तरीके से हटने के बाद बनी कमी को प्रभावी ढंग से पूरा करेगा। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह विमान वायुसेना की युद्धक क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

रक्षा उद्योग को मिलेगा प्रोत्साहन
इस मेगा डील से न केवल वायुसेना की ताकत बढ़ेगी, बल्कि घरेलू रक्षा उद्योग और इसकी आपूर्ति शृंखला को भी बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। HAL और इसके साथ जुड़ी भारतीय कंपनियों को तकनीकी और आर्थिक लाभ होगा, जिससे स्वदेशी रक्षा उत्पादन को और बल मिलेगा। यह करार छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) सहित स्थानीय उद्योगों के लिए रोजगार और नवाचार के नए अवसर भी पैदा करेगा।

तेजस Mk1A की खासियतें
तेजस Mk1A स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित लड़ाकू विमान का सबसे उन्नत संस्करण है। यह विमान अत्याधुनिक प्रणालियों से लैस है, जिनमें शामिल हैं:

इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार: बेहतर टारगेट डिटेक्शन और ट्रैकिंग के लिए।

स्वयं रक्षा कवच: हवाई खतरों से सुरक्षा।

कंट्रोल सरफेस एक्ट्यूएटर्स: उन्नत उड़ान नियंत्रण के लिए। ये स्वदेशी प्रणालियां ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दृष्टि को और मजबूत करती हैं। यह विमान भारतीय वायुसेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक शक्तिशाली मंच के रूप में काम करेगा।

रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत
रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह समझौता भारत की रक्षा तैयारियों और स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। तेजस Mk1A का उत्पादन और डिलीवरी अगले कुछ वर्षों में चरणबद्ध तरीके से पूरी होगी, जिससे भारतीय वायुसेना की ताकत में और इजाफा होगा। यह करार न केवल भारत की सैन्य शक्ति को बढ़ाएगा, बल्कि वैश्विक मंच पर स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की स्थिति को और मजबूत करेगा।


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Content Editor

Shubham Anand

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