आंदोलन को तेज करने की तैयारी में किसान, 8 दिसंबर को भारत बंद का एलान, जलाएंगे PM का पुतला

punjabkesari.in Friday, Dec 04, 2020 - 06:30 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  केंद्र सरकार से कई दौर की बातचीत के बाद भी कोई हल न निकलने पर अब भारतीय किसानों का आंदोलन उग्र होता दिखाई दे रहा है। किसानों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का एलान किया है। किसानों ने अब केंद्र सरकार खिलाफ भी अपना रुख तेज कर लिया है। किसानों ने कल देशभर में प्रधानमंत्री मोदी का पुतला फूंकने का भी एलान किया। बता दें कि गुरुवार को लगभग आठ घंटे चली इस बैठक में किसान नेता नए कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े रहे। किसान नेताओं के बातचीत के बीच में सरकार की तरफ से की गई दोपहर के लंच, चाय और पानी की पेशकश को भी ठुकरा दिया।

भारतीय किसान यूनियन के महासचिव एचएस लखोवाल ने सिंघू बॉर्डर से कहा, कल हमने सरकार से कहा कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए। 5 दिसंबर को देशभर में पीएम मोदी  के  पुतले जलाए जाएंगे।  आठ दिसंबर को भारत बंद रहेगा, सभी टोल प्लाजा भी बंद करवाएंगे। इसके साथ ही दिल्ली आने वाले सभी रास्ते भी बंद किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सरकार कुछ संशोधन करने को तैयार है लेकिन हमने सरकार से साफ कहा है कि सरकार तीनों कानून वापस ले।  गुरुवार को किसानों और सरकार के चौथे दौर की बैठक हुई लेकिन इसमें कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। अब शनिवार (5 दिसंबर) को एक बार किसानों की सरकार के साथ वार्ता होगी।

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कृषिमंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर विज्ञान भवन में किसान नेताओं के साथ चौथे दौर कर वार्ता में सरकार के पक्ष की अगुवाई कर रह थे। उन्होंने कहा कि अगले दौर की वार्ता शनिवार को दोपहर 2 बजे से होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह बैठक इन मुद्दों के समाधान की ओर ले जाएगी। कृषि कानून को लेकर किसान आंदोलन से जुड़े अपडेट को जानने के लिए जुड़े रहें punjabkesari.in के साथ....

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किसानों की समस्या का होगा समाधान- सरकार
सरकार ने बातचीत के लिए पहुंचे विभिन्न किसान संगठनों के 40 किसान नेताओं के समूह को आश्वासन दिया कि उनकी सभी वैध चिंताओं पर गौर किया जाएगा और उनपर खुले दिमाग से विचार किया जाएगा। लेकिन किसानों ने कानूनों में कई खामियों और विसंगतियों को गिनाते हुए कहा कि इन कानूनों को सितंबर में जल्दबाजी में पारित किया गया। 

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नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसी तरह का ‘कोई अहंकार नहीं है' और सरकार तीन नए कृषि कानूनों के बारे में किसानों की आशंकाओं के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर खुले दिमाग से वार्ता करने और विचार करने को सहमत है। इनमें एपीएमसी (कृषि उपज विपणन समिति) को मजबूत करने सहित मंडी प्रणाली, प्रस्तावित निजी मंडियों के साथ कर समरूपता और किसी विवाद की स्थिति में विवाद निपटान के लिए किसानों को हाईकोर्ट में जा सकने की स्वतंत्रता जैसे पहलु शामिल हैं।

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यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार तीन विवादास्पद कानूनों में संशोधन करने के लिए तैयार है, तोमर ने कहा, ‘‘मैं कोई भविष्यवक्ता नहीं हूं। जब हम एक दिन बाद मिलेंगे, तो हम किसी समाधान की ओर बढ़ने की उम्मीद करते हैं।'' तोमर ने कहा कि सरकार फसल अवशेषों को जलाए जाने और बिजली से संबंधित कानून पर अध्यादेश से संबंधित किसानों की चिंताओं पर भी गौर करने के लिए तैयार है।


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Seema Sharma

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