लोकसभा चुनाव 2019ः किसानों को 6,000 रुपए की वार्षिक मदद दिला सकती है मोदी को वोट

punjabkesari.in Wednesday, Feb 20, 2019 - 12:22 PM (IST)

मुंबईः आने वाले लोकसभा चुनावों के लिए हर पार्टी तैयारी कर रही है। वहीं इस बार मोदी सरकार ने भी अपनी कमर कस ली है। इस बार चुनाव का सबसे चर्चित मुद्धा किसानों का रहेगा। किसानों को 6,000 रुपए की वार्षिक न्यूनतम आय मुहैया कराने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना मौजूदा भाजपा सरकार को वोट दिला सकती है लेकिन उत्तर प्रदेश जैसे चुनावी रूप से अहम राज्य में बढ़ती आवारा पशुओं की संख्या से भाजपा के लिए चिंता का विषय है। यह बात स्विट्जरलैंड की एक ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस ने अपनी रिर्पोट में कहीं।
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क्या कहा गया रिर्पोट में
यूबीएस ने मंगलवार को अपनी रिर्पोट में कहा कि पिछले आम चुनाव की तरह इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या किसी और की लहर जैसा कोई कारक मौजूद नहीं हैं। वहीं क्षेत्रों का दौरा करने पर इस बात के पर्याप्त कारण नहीं मिलते की भाजपा वापस सत्ता में लौट सकती है। रपट में कहा गया है कि मोदी को नेता मानने की ऊंची रेटिंग होने की संभवत: एक वजह यह भी हो सकती है कि अन्य नेताओं की स्वीकार्यता रेटिंग कम है।
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दिसंबर में लागू हुआ नया नियम
रिर्पोट में कहा गया है कि छोटे और सीमांत किसानों के लिए 6,000 रुपए की वार्षिक न्यूनतम आय को मुख्य विपक्ष किसानों के सम्मान से जोड़ रहा है और बता रहा है कि यह 16 रुपए प्रतिदिन के बराबर है। बजट में इस योजना को पिछली तारीख यानी दिसंबर, 2018 से लागू करने की घोषणा की गई है जिसके लिए 20,000 करोड़ रुपए का प्रावधान है। इसने सरकार का बजटीय बोझ बढ़ेगा।
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सरकार पर बढ़ेगा बोझ
अगले वित्त वर्ष में यह केंद्र पर करीब 1.75 लाख करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ बढ़ाएगा। रपट में कहा गया है कि सरकार इसे लागू करने को लेकर काफी गंभीर है। उसकी पूरी कोशिश है कि उत्तर प्रदेश में इसे मार्च के पहले सप्ताह तक लागू कर दिया जाए, क्योंकि मौजूदा लोकसभा में भाजपा के 73 सांसद अकेले उत्तर प्रदेश से हैं। यूबीएस का दावा है कि आमतौर पर मतदाता चुनाव से पहले की घोषणाओं को देखते हैं लेकिन बजट में न्यूनतम आय की घोषणा करना थोड़ा अलग है हालांकि उत्तर प्रदेश में आवारा मवेशियों के खेतों में खड़ी फसल को बर्बाद करने की बढ़ती घटनाएं राज्य के ग्रामीण इलाकों में एक अहम मुद्दा है।


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Isha

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