सात महीने से लापता, सिलीगुड़ी में घर से मिला कंकाल...आखिर क्या हुआ उस महिला टीचर के साथ?
punjabkesari.in Saturday, Jun 28, 2025 - 01:32 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सिक्किम के नामची ज़िले में रहने वाली एक महिला शिक्षिका सात महीने पहले रहस्यमयी तरीके से लापता हो गई थी। लंबे इंतज़ार और अटकलों के बाद अब इस केस में एक चौंकाने वाला मोड़ आया है। पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी शहर में एक सुनसान मकान से एक कंकाल बरामद हुआ है, जिसके पीछे की कहानी रोंगटे खड़े कर देने वाली है।
सामान्य ज़िंदगी से अचानक गायब हुई शिक्षिका
पासांग दोमा शेरपा, सिक्किम के नामची जिले में स्थित एक सरकारी स्कूल में नेपाली भाषा पढ़ाती थीं। वह अपने कार्य के प्रति समर्पित, शांत और सामान्य ज़िंदगी जीने वाली शिक्षिका थीं। 7 अगस्त 2024 को वह अचानक लापता हो गईं। जब वह शाम तक घर नहीं लौटीं, तो उनके परिवार ने नामची पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई।
महीनों तक कोई सुराग नहीं
पासांग की गुमशुदगी के बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की, लेकिन सात महीने बीत जाने के बावजूद कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई। परिवार लगातार उम्मीद में था कि उनकी बेटी वापस लौटेगी, लेकिन हर बीतता दिन चिंता और रहस्य को गहरा करता गया। लोगों के बीच तरह-तरह की बातें चलने लगीं—कभी प्रेम प्रसंग की अटकलें, तो कभी हादसे की आशंका।
सिलीगुड़ी के सुनसान मकान से मिला कंकाल
करीब सात महीने बाद पुलिस को एक टिप मिली कि पासांग का सिलीगुड़ी में एक मकान है जो पिछले कई महीनों से बंद पड़ा है। जब पुलिस वहां पहुँची, तो घर के बाहर ताला बंद मिला। स्थानीय लोगों ने बताया कि वहां कई महीनों से कोई हलचल नहीं देखी गई। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और अंदर का दृश्य देखकर सन्न रह गई। एक कमरे में एक कंकाल पड़ा था। शुरुआती जांच में माना जा रहा है कि यह कंकाल पासांग दोमा शेरपा का हो सकता है। पुलिस ने कंकाल को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम और डीएनए जांच के लिए भेज दिया है।
हत्या या आत्महत्या? जांच जारी
नामची के पुलिस अधीक्षक कर्मा ग्याम्त्सो भूटिया के अनुसार, “हमें लगभग पूरा यकीन है कि यह कंकाल पासांग का ही है, लेकिन डीएनए प्रोफाइलिंग के बाद ही पुष्टि की जाएगी।” अब पुलिस यह जानने में जुटी है कि आखिर पासांग की मौत कैसे हुई। क्या यह सुनियोजित हत्या थी या कोई और रहस्य छिपा है? मकान में किसी प्रकार के जबरदस्ती के निशान नहीं मिले हैं, लेकिन लंबे समय तक बंद रहने के कारण कई सबूत मिट चुके हो सकते हैं। पुलिस अब उस मकान के मालिक, आसपास के लोगों और पासांग से जुड़े हर पहलू की पड़ताल कर रही है।