पांच साल में रक्षा मंत्रालय ने देसी रक्षा उद्योग को लगाए पंख, कई परियोजनाओं में मिली हिस्सेदारी
punjabkesari.in Thursday, Dec 05, 2019 - 11:22 PM (IST)
नई दिल्लीः रक्षा मंत्रालय ने 2014 से अब तक भारतीय कंपनियों को 180 से ज्यादा ठेके दिए हैं। इन अनुबंधों का मूल्य 1,96,000 करोड़ रुपये से अधिक है। मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को जारी बयान में पिछले पांच सालों में हुए कुछ बड़े रक्षा अनुबंधों से जुड़ी जानकारियां भी साझा की है। मंत्रालय का यह बयान ऐसे समय आया है जब इस बात की आलोचना की जा रही है कि ' मेक इन इंडिया ' कार्यक्रम रक्षा क्षेत्र में सफल नहीं रहा।
बयान में कहा गया है , " रक्षा मंत्रालय ने 2014 से भारतीय उद्योग के साथ 1,96,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 180 से ज्यादा अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं जबकि भविष्य में कुछ अनुबंधों पर हस्ताक्षर होने हैं। " रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पी 17 ए परियोजना के तहत भारतीय नौसेना के लिए युद्धपोत बनाने के लिए मिजोरम डॉकयार्ड लिमिटेड (एमडीएल) को फरवरी 2015 में 45,000 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया है। इसके अलावा , अक्टूबर 2018 में दो युद्धपोत के निर्माण के लिए गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के साथ अनुबंध किया गया था। इसका मूल्य 14,100 करोड़ रुपये है।
बयान में कहा गया है कि भारतीय वायुसेना के लिए 41 एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) और भारतीय नौसेना के लिए 32 एएलएच बनाने के लिए हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड को 2017 में कुल 14,100 करोड़ रुपये के ठेके दिए गए हैं। यह फरवरी 2015 में एचएएल के साथ 1100 करोड़ रुपये के 14 ड्रोनियर 228 विमानों की खरीद के लिए किए गए अनुबंध से अलग है।
मंत्रालय ने कहा कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) से आकाश मिसाइल प्रणाली के सात स्कवैड्रन खरीदे जा रहे हैं। इसका मूल्य 6,300 करोड़ रुपये है। इससे अलग , 7,900 करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत एकीकृत उन्नत कमांड एवं नियंत्रण प्रणाली (आईएसीसीएस) खरीदी जा रही है। मंत्रालय ने कहा , " सरकार की ' मेक इन इंडिया ' पहल के अंतर्गत एलएंडटी से सौ 155 x 52 एमएम स्वचालित तोपों की खरीदी जा रही हैं। इसका मूल्य 4,300 करोड़ रुपये है।"