इतिहास रचने की तैयारी, भारत में पहली बार पानी के अंदर दौड़ेगी मेट्रो
punjabkesari.in Wednesday, Jan 29, 2020 - 12:57 PM (IST)
बिजनेस डेस्क: मेट्रो आज के समय में लोगों की जरूरत बन गई है। वैसे तो हमने मेट्रो को जमीन के ऊपर और अंडरग्राउंड चलते देखा है लेकिन बहुत जल्द अब देश में अंडरवॉटर मेट्रो भी दौड़ेगी। कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (KMRC) अपने ईस्ट-वेस्ट प्रोजेक्ट को जल्द ही पूरा करने जा रहा है। मेट्रो ने देश की पहली ऐसी ट्रांसपोर्ट टनल बनाई है जो नदी के अंदर से होकर गुजरेगी। यह पूरा प्रोजेक्ट मार्च 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगा।
यह टनल कोलकाता की हुगली नदी के नीचे बनाई गई है। इस टनल के जरिए हावड़ा और कोलकाता के बीच मेट्रो कनेक्टिविटी शुरू होगी, जिससे समय की काफी बचत होगी। रोजाना इन स्टेशनों के बीच हजारों की तादाद में लोग सफर करते हैं। इस सुरंग की लंबाई 520 मीटर और चौडाई लगभग 30 मीटर होगी। इसे बनाने में खास तरह का मेटरियल इस्तेमाल किया गया है और पानी के रिसाव से बचने के लिए विशेष गैसकेट का प्रयोग किया गया है जो पानी के संपर्क मे आकर फैल जाता है।
हावड़ा और महाकरन मेट्रो स्टेशन के यात्री 1 मिनट के लिए नदी के नीचे से गुजरेंगे। टनल में मेट्रो की स्पीड 80 किमी प्रति घंटा होगी। इस रूट पर मेट्रो 10.6 किलोमीटर का सफर टनल के जरिए करेगी, जिसमें नदी के नीचे बना 520 मीटर का टनल भी शामिल है। इस टनल में आपातकालीन सेवा के लिए वैकल्पिक रास्ता भी बनाया गया है। हुगली नदी के अलावा मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन रेल कॉरिडोर पर भी समुद्र के नीचे 7 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जानी है। कुल मिलाकर अब भारत में भी लोग पानी के नीचे सफर कर सकते हैं।
बता दें कि यह टनल कोलकाता मेट्रो परियोजना के दूसरे चरण के अंतर्गत आती है। दरअसल भारत की सबसे पहली मेट्रो की शुरुआत 1984 में कोलकाता में ही हुई थी। यह नॉर्थ-साउथ मेट्रो थी। ईस्ट-वेस्ट मेट्रो की शुरुआती लागत 4900 करोड़ रुपये थी और यह 14 किलोमीटर लंबा था। बाद में बदलाव और लेट होने के कारण यह दूरी 17 किलोमीटर हो गई और प्रॉजेक्ट की लागत 8600 करोड़ रुपये पहुंच गई। हुगली टनल बन जाने के बाद कोलकाता देश का पहला राज्य बन जाएगा जहां मेट्रो नदी के नीचे से गुज़रेगी और भारत उन देशों मे शामिल हो जाएगा जहां मैट्रो नदी के अंदर चलेगी।