Meta Penalty: प्रतिस्पर्धा आयोग के फैसले के खिलाफ अपील करेगा मेटा, लगा है 213.14 करोड़ का जुर्माना
punjabkesari.in Tuesday, Nov 19, 2024 - 10:36 AM (IST)
नेशनल डेस्क: भारत के प्रतिस्पर्धा नियामक, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI), ने मेटा के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप पर ₹213.14 करोड़ का जुर्माना लगाया है, और कंपनी को व्हाट्सएप की गोपनीयता नीति में 2021 में किए गए बदलाव के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने का आदेश दिया है। इस फैसले के बाद, मेटा ने इस जुर्माने को चुनौती देने और इसके खिलाफ अपील करने की योजना की घोषणा की है।
जुर्माना और CCI का आदेश
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने सोमवार को अपने आदेश में व्हाट्सएप को मेटा के अन्य उत्पादों के साथ विज्ञापन उद्देश्यों के लिए उपयोगकर्ता डेटा साझा करने से परहेज करने का निर्देश दिया है। आयोग का कहना है कि व्हाट्सएप द्वारा 2021 में गोपनीयता नीति में किए गए बदलावों के परिणामस्वरूप प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाएँ उत्पन्न हुईं। CCI ने मेटा पर यह आरोप लगाया कि कंपनी ने अपने उपयोगकर्ताओं के डेटा को बिना उनकी स्पष्ट सहमति के विज्ञापन उद्देश्यों के लिए साझा किया था, जो भारतीय प्रतिस्पर्धा कानूनों का उल्लंघन है। 2021 में व्हाट्सएप द्वारा गोपनीयता नीति में किए गए अपडेट्स ने मेटा के अन्य उत्पादों के साथ उपयोगकर्ता डेटा साझा करने की शर्तों को स्पष्ट किया था, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ। इस पर CCI ने मेटा पर ₹213.14 करोड़ का जुर्माना लगाया और कंपनी को यह निर्देश दिया कि वह ऐसे प्रतिस्पर्धा-विरोधी कार्यों से दूर रहे। आयोग ने मेटा और व्हाट्सएप से एक निर्धारित समय सीमा के भीतर कुछ व्यवहारिक उपायों को लागू करने का भी आदेश दिया है, ताकि इस तरह की प्रथाओं को रोका जा सके।
मेटा की प्रतिक्रिया
मेटा के प्रवक्ता ने इस फैसले पर असहमति जताते हुए कहा कि कंपनी इस जुर्माने को चुनौती देने के लिए अपील करेगी। मेटा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि "2021 के अपडेट ने किसी भी तरह से लोगों के व्यक्तिगत संदेशों की गोपनीयता को प्रभावित नहीं किया था। यह अपडेट एक विकल्प के रूप में पेश किया गया था और इसका उद्देश्य व्हाट्सएप के उपयोगकर्ताओं को एक बेहतर अनुभव प्रदान करना था।" मेटा ने यह भी स्पष्ट किया कि इस अपडेट से कोई भी उपयोगकर्ता का खाता डिलीट नहीं हुआ था और न ही व्हाट्सएप की सेवाओं की कार्यक्षमता प्रभावित हुई थी। कंपनी ने यह दावा किया कि यह अपडेट व्हाट्सएप पर वैकल्पिक व्यावसायिक सुविधाएँ शुरू करने के लिए था, जो कि उपयोगकर्ता डेटा के संग्रह और उपयोग में और अधिक पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से था। प्रवक्ता ने यह भी बताया कि व्हाट्सएप ने भारत में छोटे व्यवसायों को समर्थन प्रदान किया है और कोविड महामारी के दौरान भी सरकारी और निजी संस्थानों को नागरिक सेवाएँ देने में मदद की है। मेटा ने कहा कि वह अपने उपयोगकर्ताओं को सबसे बेहतर अनुभव देने के लिए प्रतिबद्ध है और आगे भी ऐसा करना जारी रखेगा।
CCI का डेटा साझा करने पर प्रतिबंध
CCI के आदेश के अनुसार, मेटा और व्हाट्सएप को निर्देशित किया गया है कि वे व्हाट्सएप प्लेटफॉर्म पर एकत्र किए गए उपयोगकर्ता डेटा को मेटा के अन्य उत्पादों या सेवाओं के साथ विज्ञापन उद्देश्यों के लिए साझा करने से पांच साल तक परहेज करें। आयोग ने यह भी कहा कि यदि व्हाट्सएप उपयोगकर्ता डेटा को विज्ञापन के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए साझा करता है, तो कंपनी को अपनी गोपनीयता नीति में स्पष्ट रूप से यह उल्लेख करना होगा कि यह डेटा किस उद्देश्य के लिए साझा किया जा रहा है। CCI ने यह भी निर्दिष्ट किया कि व्हाट्सएप को अपनी नीति में यह स्पष्ट करना होगा कि कौन से डेटा को किस उद्देश्य के लिए साझा किया जा रहा है। इसके अलावा, नियामक ने यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि व्हाट्सएप पर एकत्र किए गए डेटा को केवल व्हाट्सएप सेवाओं के लिए ही साझा किया जाए और अन्य उद्देश्यों के लिए डेटा साझा करना भारत में व्हाट्सएप सेवा तक पहुँचने की शर्त नहीं होगा।
यूज़र्स को ऑप्ट-आउट का विकल्प
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने कहा कि यदि व्हाट्सएप उपयोगकर्ता डेटा को किसी अन्य मेटा उत्पाद या सेवा के साथ साझा करता है, तो उसे अपने उपयोगकर्ताओं को इन-ऐप अधिसूचना के माध्यम से ऑप्ट-आउट विकल्प प्रदान करना होगा। इससे उपयोगकर्ता यह तय कर सकेंगे कि वे अपने डेटा को व्हाट्सएप से संबंधित अन्य उत्पादों के साथ साझा करना चाहते हैं या नहीं। CCI ने यह भी निर्देश दिया कि 2021 में गोपनीयता नीति के अपडेट को स्वीकार करने वाले उपयोगकर्ताओं को भी इस विकल्प का लाभ मिलेगा। मेटा के खिलाफ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग का यह फैसला एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उपयोगकर्ताओं के डेटा संरक्षण और गोपनीयता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। हालांकि मेटा ने इस फैसले को चुनौती देने का इरादा जताया है, लेकिन यह निर्णय भारतीय डिजिटल बाजार में प्रतिस्पर्धा और डेटा सुरक्षा के मुद्दों को लेकर महत्वपूर्ण बहस को जन्म देगा। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि भारतीय नियामक कंपनियों के डेटा प्रबंधन और उपयोगकर्ता गोपनीयता को लेकर सख्त रुख अपना रहे हैं।