Article 370: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर महबूबा मुफ्ती का बयान- यह किसी मौत से कम नहीं
punjabkesari.in Monday, Dec 11, 2023 - 04:27 PM (IST)

नैशनल डैस्क: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमख महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को बरकरार रखने का उच्चतम न्यायालय का निर्णय ‘‘मौत की सजा से कहीं से कम नहीं है''। उन्होंने कहा कि यह भारत की अवधारणा को विफल करता है, जिसके साथ मुस्लिम बहुसंख्यक राज्य को 1947 में शामिल किया गया था।
मुफ्ती ने ‘एक्स' पर पोस्ट किए गए पांच मिनट के एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘संसद में लिए गए एक असंवैधानिक और अवैध निर्णय को आज कानूनी घोषित किया गया। यह न केवल जम्मू कश्मीर के लिए मौत की सजा है, बल्कि भारत की अवधारणा को भी विफल करता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि अनुच्छेद 370 अस्थायी था, इसी कारण इसे हटाया गया। यह न केवल हमारी हार है, बल्कि भारत की अवधारणा की भी विफलता है। यह भारत की परिकल्पना, (महात्मा) गांधी के भारत की विफलता है, जिसके साथ जम्मू कश्मीर के मुसलमानों ने पाकिस्तान को खारिज कर हिंदू, बौद्ध, सिख और ईसाई धर्मावलम्बियों वाले (महात्मा) गांधी के देश के साथ हाथ मिलाया था।
The people of J&K are not going to lose hope or give up. Our fight for honour and dignity will continue regardless. This isn’t the end of the road for us. pic.twitter.com/liRgzK7AT7
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 11, 2023
आज भारत की अवधारणा विफल हो गई।'' पूर्व मुख्यमंत्री ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों से आग्रह किया कि वे शीर्ष न्यायालय के फैसले से निराश न हों। उन्होंने कहा, ‘‘निराश न हों, उम्मीद न छोड़ें। जम्मू कश्मीर ने काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। न्यायालय का फैसला महज एक पड़ाव है, यह हमारा गंतव्य नहीं है। इसे अंत मानने की गलती न करें। हमारे विरोधी चाहते हैं कि हम उम्मीद खो दें और हार स्वीकार कर लें। लेकिन ऐसा नहीं होगा।''
पीडीपी प्रमुख ने कहा कि जम्मू कश्मीर में संघर्ष एक राजनीतिक लड़ाई है, जो दशकों से जारी है। उन्होंने कहा, ‘‘कोई फैसला अंतिम नहीं है, उच्चतम न्यायालय का फैसला भी नहीं। यह एक राजनीतिक लड़ाई है जो कई दशकों से जारी है। हमारे लोगों ने बलिदान दिया है और हम बीच में लड़ाई नहीं छोड़ेंगे।'' मुफ्ती ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 370 को संविधान का अस्थायी प्रावधान घोषित किए जाने से उन ताकतों को बल मिला है जो दावा करती हैं कि जम्मू कश्मीर का भारत में विलय अस्थायी है।
उन्होंने कहा, ‘‘1947 में, एक सरकार थी, एक संसद थी और एक संविधान बनाया गया था। जम्मू कश्मीर के लोगों से वादे किए गए और विशेष राज्य का दर्जा दिया गया। 77 साल बाद एक और पार्टी आई, जिसने सत्ता में आने पर अनुच्छेद 370 हटाने की बात कही और उसने ऐसा किया। यह हमारी नहीं, बल्कि देश की विफलता है। उन्होंने हमें धोखा दिया, हमने नहीं दिया है।'' मुफ्ती ने कहा, ‘‘आज, उन्होंने अनुच्छेद 370 को अस्थायी घोषित कर देश को कमजोर कर दिया।''