60 policies: 100 करोड़ का बीमा फ्रॉड! बेटे ने बाप की मौत पर किया 60 पॉलिसियों से 39 करोड़ का क्लेम
punjabkesari.in Monday, Oct 06, 2025 - 12:23 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के मेरठ में इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला उजागर हुआ है, जहां एक शख्स ने पैसों की हवस में रिश्तों को ही कुर्बान कर दिया। फिल्मी लगने वाली ये सच्ची कहानी ‘बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया’ की मिसाल बनकर सामने आई है – लेकिन ये मिसाल दिल दहला देने वाली है। महज़ 25 हजार रुपये मासिक आमदनी वाले परिवार ने करोड़ों रुपये के बीमा क्लेम हासिल करने के लिए ऐसा जाल बिछाया, जिसमें रिश्ते सिर्फ नाम के रह गए।
एक-एक कर घर के सभी सदस्यों की मौत... और हर बार क्लेम
कहानी का नायक नहीं, खलनायक है विशाल सिंघल, जिसने अपनों की लाशों पर करोड़ों का साम्राज्य खड़ा करने की साज़िश रची। उसकी मां प्रभा देवी, फिर पत्नी एकता और अंत में पिता मुकेश सिंघल – तीनों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई। इन सभी की मौत के पीछे जो सच्चाई सामने आई, वह चौंकाने वाली है।
2017: मां प्रभा देवी की सड़क हादसे में मौत
2022: पहली पत्नी एकता की दिल का दौरा पड़ने से मौत
2024: पिता मुकेश सिंघल की सड़क दुर्घटना में मौत
हर मौत के बाद एक भारी-भरकम बीमा क्लेम – और उस क्लेम के पीछे 64 बीमा पॉलिसी, जिनकी कुल वैल्यू 100 करोड़ रुपये से अधिक थी।
असली पर्दाफाश कब हुआ?
जब विशाल ने पिता की मौत के बाद एक साथ 60 पॉलिसियों पर 39 करोड़ का बीमा क्लेम किया, तब कंपनियों के कान खड़े हुए। शक के चलते आठ बीमा कंपनियों ने संयुक्त रूप से मेरठ के एसएसपी को पत्र भेजा और संभावित बीमा धोखाधड़ी की जांच की मांग की।
चौथी पत्नी ने बचाई जान, खोल दी कहानी
2024 में विशाल की चौथी शादी हुई। शादी के कुछ महीनों बाद ही पत्नी को उसके व्यवहार से शक होने लगा। उसने देखा कि विशाल अपने पिता की बीमारी और मौत की बातें कर रहा है, और उस पर दबाव बना रहा था कि वो इस मौत में उसका साथ दे। उसने आरोप लगाया कि विशाल ने उसके साथ मारपीट की और जान लेने की कोशिश तक की, जिससे उसकी रीढ़ की हड्डी तक क्षतिग्रस्त हो गई। किसी तरह मायके भागकर उसने जान बचाई और पुलिस से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक को शिकायत भेजी।
बीमा एजेंट की सतर्कता से टूटा जाल
बीमा कंपनियों ने जब दस्तावेजों की बारीकी से जांच की, तो पाया गया कि क्लेम सुनियोजित और क्रमवार मौतों के जरिए किया जा रहा है। परिवार के सदस्यों के नाम पर लग्जरी गाड़ियां खरीदी गई थीं और विशाल के पिता के नाम पर अकेले 70 करोड़ रुपये की पॉलिसी दर्ज की गई थी।
ASP संभल अनुकृति शर्मा को जैसे ही बीमा फ्रॉड की जानकारी दी गई, उन्होंने तुरंत एक्शन लेते हुए केस की छानबीन शुरू की। मृतकों की मेडिकल रिपोर्ट, बीमा दस्तावेज, FIR, और अन्य दस्तावेजों की सिलसिलेवार जांच के बाद एक-एक कड़ी जुड़ती गई।
दोस्त बना सहयोगी, मिलकर रची हत्या और धोखाधड़ी की स्क्रिप्ट
जांच में यह भी सामने आया कि विशाल इस पूरे कांड में अकेला नहीं था। उसका साथी सतीश कुमार, जो मेरठ में एक लेडीज टेलर की दुकान चलाता है, पूरी योजना में शामिल था। दोनों ने मिलकर हत्या और बीमा क्लेम की प्लानिंग की थी।
कबूली जुबान, अब जेल में
गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की, तो विशाल ने पत्नी, मां और पिता की हत्या की बात स्वीकार कर ली। मां के सिर पर भारी चीज से वार कर हत्या की गई, जबकि पिता और पत्नी का गला दबाकर जान ली गई। साथ ही सामने आया कि इन हत्याओं के पीछे सिर्फ एक ही मकसद था - बीमा की मोटी रकम।
फिलहाल विशाल और उसका साथी सतीश जेल में हैं। पुलिस अब बीमा कंपनियों के साथ मिलकर यह जांच कर रही है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल हो सकता है, और क्या इस तरह के अन्य मामले भी छिपे हैं?