शाहीन बाग पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई करने से इनकार, पूछा- पीड़ितों की जगह राजनीतिक दल क्यों आए?
punjabkesari.in Monday, May 09, 2022 - 03:04 PM (IST)
नेशनल डेस्कः उच्चतम न्यायालय ने यहां शाहीन बाग में अतिक्रमण रोधी अभियान के खिलाफ सोमवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) द्वारा दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और कहा कि वह मामले में किसी राजनीतिक दल के कहने पर हस्तक्षेप नहीं कर सकता। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की पीठ ने पार्टी से इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय से संपर्क करने को कहा। पीठ ने कहा, “माकपा क्यों याचिका दायर कर रही है? किस मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है? राजनीतिक दलों के कहने पर नहीं। यह मंच नहीं है। आप उच्च न्यायालय जाएं।''
शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर फेरीवाले अतिक्रमण कर रहे हैं तो उन्हें हटाया जाएगा और अधिकारियों ने यदि कानून का कोई उल्लंघन किया है तो याचिकाकर्ता उच्च न्यायालय जा सकते हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक प्रक्रिया है जो लंबे समय से चल रही है, नोटिस देने के बाद एक नियमित कवायद।” माकपा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी सुरेंद्रनाथ ने जहांगीरपुरी के घटनाक्रम पर शीर्ष अदालत के हालिया आदेश का हवाला दिया जिसमें अतिक्रमण रोधी अभियान पर रोक लगा दी गई थी।
इस पर पीठ ने कहा कि मामले में प्रभावित पक्षों को आने दिया जाए। पीठ ने कहा, ‘‘हमने किसी को यह कहने के लिए यहां आने का लाइसेंस नहीं दिया है कि मेरा घर तोड़ा नहीं जा सकता, भले ही वह अनधिकृत ही क्यों न हो। आप उस आदेश का सहारा नहीं ले सकते। हम इसमें दखल नहीं दे सकते... वह भी राजनीतिक दलों के कहने पर।'' कुछ समय तक सुनवाई के बाद मामले को वापस लिए जाने के साथ इसे खारिज कर दिया गया और याचिकाकर्ता को दिल्ली उच्च न्यायालय जाने की छूट दे दी गई।
Delhi | Locals sit on roads and stop bulldozers that have been brought for the anti-encroachment drive in the Shaheen Bagh area. pic.twitter.com/EQJOWBzAxS
— ANI (@ANI) May 9, 2022
अतिक्रमण रोधी अभियान: प्रदर्शन के बाद बिना कोई कार्रवाई किए लौटे बुलडोजर
अतिक्रमण रोधी अभियान को अंजाम देने के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के अधिकारियों के बुलडोजर के साथ सोमवार को नगर के शाहीन बाग इलाके में पहुंचते ही महिलाओं सहित सैकड़ों स्थानीय लोगों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शन के बाद एसडीएमसी के अधिकारी बिना कोई कार्रवाई किए बुलडोजर के साथ लौट गए। प्रदर्शनकारियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित एसडीएमसी और केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कार्रवाई रोकने की मांग की। कुछ महिलाएं बुलडोजर के सामने आकर खडी़ हो गईं। इससे पहले दिन में, आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के नेता भी मौके पर पहुंचे और कार्रवाई के खिलाफ धरना दिया। विरोध-प्रदर्शन के कारण शाहीन बाग, कालिंदी कुंज, जैतपुर, सरिता विहार और मथुरा रोड सहित अन्य क्षेत्रों में भारी जाम लग गया।
एसडीएमसी के मध्य ज़ोन के अध्यक्ष राजपाल सिंह ने बताया कि प्रदर्शन की वजह से अवैध अवसंरचानाओं को नहीं हटाया जा सका। एसडीएमसी के तहत मध्य जोन में आने वाला शाहीन बाग दिसंबर 2019 में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन और धरने का प्रमुख था। शहर में कोविड-19 महामारी फैलने के बाद मार्च 2020 में यहां धरना प्रदर्शन बंद किया गया था। गौरतलब है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने पिछले महीने जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया था, जिसकी व्यापक आलोचना हुई थी। उच्चतम न्यायालय ने एनडीएमसी को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। सिंह ने कहा कि अतिक्रमण हटाना उनका दायित्व है, जिसे वे पूरा कर रहे हैं।
जो प्रदर्शन किए जा रहे हैं, वे राजनीति से प्रेरित
सिंह ने कहा, ‘‘ जो प्रदर्शन किए जा रहे हैं, वे राजनीति से प्रेरित हैं। अतिक्रमण हटाने के लिए हमें जो कुछ करना होगा, हम करेंगे। हमारे बुलडोजर और ट्रक अब भी वहीं (शाहीन बाग में) हैं।'' क्षेत्र में अतिक्रमण रोधी अभियान के दौरान एसडीएमसी अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी जवानों के साथ मौके पर मौजूद थे। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ अतिक्रमण रोधी अभियान चलाया जा रहा है, वहां पुलिस बल तैनात किया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि सुनिश्चित किया जाए कि संबंधित नगर निकाय बिना किसी परेशानी के और पूरी सुरक्षा के साथ अपना काम कर सके।'' अधिकारियों ने बताया कि स्थिति से निपटने के लिए अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है। एसडीएमसी के अधिकारियों के बुलडोजर के साथ शाहीन बाग पहुंचते ही कुछ स्थानीय लोगों ने अपने ‘‘अवैध निर्माण'' को हटाना शुरू कर दिया।
अतिक्रमण अभियान का विरोध करने पर आप और कांग्रेस की आलोचना
शाहीन बाग में कालिंदी कुंज मुख्य मार्ग के दुकानदार अकबर (40) ने कहा, ‘‘ बुलडोजर सुबह साढ़े 11 बजे इलाके में पहुंचे थे, लेकिन यहां कोई अतिक्रमण नहीं होने के कारण वे लौट गए। लोगों से कहा गया था और उन्हें अवैध खोखे हटा दिए थे। वहां हटाने के लिए कुछ नहीं था। बुलडोजर कोई भी कार्रवाई किए बिना ही लौट गए।'' कांग्रेस की दिल्ली इकाई के मीडिया प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष परवेज आलम सहित पार्टी के कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है। भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख आदेश गुप्ता ने ‘‘ शाहीन बाग में अतिक्रमण रोधी अभियान का विरोध करने के लिए'' आप और कांग्रेस की आलोचना की। गुप्ता ने कहा, ‘‘ आज, यह साबित हो गया कि आप और उसके विधायक रेाहिंग्या और बांग्लादेशियों का साथ दे रहे हैं। बुलडोजर के आगे लेटने वालों को जनता जवाब देगी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप और कांग्रेस शाहीन बाग में अतिक्रमण हटाने का विरोध कर रही है। मैं आप और कांग्रेस से अनुरोध करता हूं कि वे अतिक्रमण और धर्म को आपस में नहीं जोड़ें।''
भाजपा स्थानीय महापौर को पत्र
गौरतलब है कि भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख आदेश गुप्ता ने स्थानीय महापौर को 20 अप्रैल को पत्र लिख कर ‘‘रोहिंग्या, बांग्लादेशियों और असामाजिक तत्वों'' द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने का अनुरोध किया था, जिसके बाद एसडीएमसी के इलाकों में अतिक्रमण रोधी अभियान चलाने का फैसला किया गया। एसडीएमसी के मध्य ज़ोन के अध्यक्ष सिंह ने बताया कि पिछले महीने ओखला और जसोला में एक अभियान की योजना बनाई गई थी, लेकिन पर्याप्त पुलिस बल मौजूद नहीं होने के कारण उसे अंजाम नहीं दिया जा सका। उन्होंने बताया कि 10 मई को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के नजदीक गुरुद्वारा रोड के पास, जबकि 11 मई को मेहरचंद मार्केट, लोधी कॉलोनी में साईं बाबा मंदिर के पास और जेएलएन मेट्रो स्टेशन के पास अतिक्रमण रोधी अभियान चलाया जाएगा।