शहीद परिवारों की मांगों को लेकर सड़कों पर उतरी बीजेपी, पुलिस ने राजेंद्र राठौर समेत कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया
punjabkesari.in Saturday, Mar 11, 2023 - 02:05 PM (IST)

नेशनल डेस्क: 2019 के पुलवामा आतंकी हमले में जान गंवाने वाले जवानों की विधवाओं के विरोध के मामले में राजस्थान के जयपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा विशाल विरोध रैली आयोजित की गई। इस विरोध प्रदर्शन में बीजेपी के नेताओं और हजारों की तादाद में कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। जयपुर में पुलिस ने राजस्थान के डिप्टी एलओपी राजेंद्र राठौर के साथ कुछ अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं को हिरासत में लिया।
राज्य के हर कोने में विरोध को आगे बढ़ाएंगे- राजेंद्र राठौर
हिरासत में लिए जाने के दौरान राजस्थान डिप्टी एलओपी राजेंद्र राठौर ने कहा कि, हमने आज विरोध शुरू किया है और हम इसे जारी रखेंगे। राज्य सरकार जिस तरह का व्यवहार दिखा रही है वह लोकतंत्र का अपमान है, हम राज्य के हर कोने में सरकार के खिलाफ विरोध को आगे बढ़ाएंगे।
Rajasthan Deputy LoP Rajendra Rathore along with some other BJP workers and leaders detained by Police in Jaipur.
— ANI (@ANI) March 11, 2023
BJP workers &leaders protesting over the matter of protest by widows of jawans who lost their lives in the 2019 Pulwama terror attack. pic.twitter.com/WcbM8Dy8XO
2019 के पुलवामा आतंकी हमले में जान गंवाने वाले जवानों की विधवाएं ने अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी को लेकर 28 फरवीर को विरोध प्रदर्शन किया। इन्होंने नियमों में बदलाव की मांग करते हुए कहा कि न सिर्फ उनके बच्चों बल्कि उनके रिश्तेदारों को भी अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी मिल सके। उनकी अन्य मांगों में सड़कों का निर्माण और उनके गांवों में शहीदों की प्रतिमाएं लगाना शामिल हैं। अपनी मांगों को लेकर वीरांगनाओ ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता सचिन पायलट के घर के बाहर प्रदर्शन किया था।
#WATCH | Police detain Rajasthan BJP workers and leaders in Jaipur.
— ANI (@ANI) March 11, 2023
The party was taking out a huge protest rally over the matter of protest by widows of the jawans who lost their lives in the 2019 Pulwama terror attack. pic.twitter.com/Y6BIa0bXdB
क्या रिश्तेदारों को नौकरी देना “उचित” होगा?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को इन मांगों पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया कि शहीद जवानों के बच्चों के बजाए अन्य रिश्तेदारों को नौकरी देना क्या “उचित” होगा? उन्होंने पूछा, “हम शहीद के बच्चों के अधिकारों को रौंद कर किसी अन्य रिश्तेदार को नौकरी देने को कैसे जायज ठहरा सकते हैं? बड़े होने पर शहीद के बच्चों का क्या होगा? क्या उनके अधिकारों को कुचलना उचित है?”
वीरांगनाओं की बात सुनी जानी चाहिए : पायलट
पुलवामा हमले में शहीद जवानों की वीरांगनाओं द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन को लेकर राजस्थान की अशोक गहलोत नीत सरकार पर हमला करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने शुक्रवार को कहा कि अहम को किनारे रखकर उनकी बात सुनी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा आज भी मानना है कि हम सड़क निर्माण, घर निर्माण और प्रतिमा लगाने की उनकी मांग पूरी कर सकते हैं। यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि हम वीरांगनाओं की मांगों को सुनने के लिए तैयार नहीं है।
यह अलग बात है कि हम उनपर सहमत होते हैं या नहीं, लेकिन अहम को किनारे रखकर उनकी मांगों को सुना जाना चाहिए।'' उल्लेखनीय है कि इससे पहले प्रदर्शन कर रही तीन जवानों की वीरांगनाओं को शुक्रवार तड़के यहां कांग्रेस नेता सचिन पायलट के घर के बाहर प्रदर्शन स्थल से हटा दिया गया था। पुलिस ने उन्हें उनके आवासीय क्षेत्रों के पास के अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया।