पति को छोड़ा, कहा शारीरिक संबंध नहीं बना सकता – कोर्ट ने कहा- वापिस जाओ पति के पास....

punjabkesari.in Tuesday, Aug 05, 2025 - 10:31 AM (IST)

नेशनल डेस्क: पुणे की फैमिली कोर्ट में हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने विवाह संबंधों की गंभीरता और कानूनी पक्ष को एक बार फिर चर्चा में ला दिया। पति पर शारीरिक अक्षमता का आरोप लगाने वाली महिला का दावा कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वह अपने आरोपों को किसी भी तरह से सिद्ध नहीं कर सकी है।

बिना प्रमाण लगाए गए आरोप को कोर्ट ने ठुकराया
यह मामला 2021 में विवाह बंधन में बंधे एक दंपति से जुड़ा है। कुछ समय बाद महिला ने पति का घर छोड़ दिया और कोर्ट में यह आरोप लगाया कि उसका पति शारीरिक संबंध बनाने में सक्षम नहीं है। इस आधार पर उसने शादी रद्द करने की भी मांग की। दूसरी ओर, पति ने हिंदू विवाह अधिनियम के तहत याचिका दायर कर पत्नी को वापस बुलाने और वैवाहिक जीवन दोबारा शुरू करने की मांग की।

पति ने कोर्ट में मेडिकल दस्तावेजों के साथ यह साबित किया कि वह पूरी तरह से स्वस्थ है। वहीं पत्नी की ओर से न तो कोई मेडिकल रिपोर्ट दी गई, न ही आरोपों को समर्थन देने वाला कोई ठोस साक्ष्य पेश किया गया।

कोर्ट ने कहा – आरोप साबित किए बिना नहीं माना जा सकता
फैमिली कोर्ट के न्यायाधीश गणेश घुले ने कहा कि केवल आरोप लगाना पर्याप्त नहीं होता, उन्हें प्रमाणित भी करना होता है। उन्होंने कहा कि महिला की बातों में विरोधाभास है और उसने जो आरोप लगाए हैं, वो साबित करने में विफल रही है।

दो महीने में पति के घर लौटने का आदेश
कोर्ट ने अपने फैसले में महिला को निर्देश दिया कि वह दो महीने के भीतर अपने पति के साथ रहने के लिए घर लौटे और वैवाहिक जिम्मेदारियों को निभाए। यह आदेश पति की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया गया है, जिसमें उसने वैवाहिक संबंध बहाल करने की अपील की थी।


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Content Writer

Anu Malhotra

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