ब्रजभूमि में बार-बार आओ मनोहर लाल के लगे नारे

punjabkesari.in Thursday, Apr 13, 2023 - 04:18 PM (IST)

 चंडीगढ़, 13 अप्रैल-(अर्चना सेठी) हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा जन समस्याओं की सुनवाई स्वयं उन द्वारा जनता के बीच बैठकर सुनने के लिए आरंभ किया गया जन संवाद कार्यक्रम बेहद असरदार सिद्ध हो रहा है।  भिवानी के बाद  पलवल जिले के बागपुर गांव से आरंभ किये गए जन संवाद कार्यक्रम में ग्रामीणों की बागपुर से पलवल तक हरियाणा परिवहन की बस चलाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने बुधवार 12 अप्रैल को सुबह 11.30 बजे घोषणा की थी, जो मात्र 20 घंटे में ही पूरी हो गई। आज जब स्थानीय विधायक दीपक मंगला ने बागपुर से पलवल रोडवेज की बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया तो किसी को भी विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनकी मांग इतनी जल्दी पूरी हो जाएगी।  

जब रोडवेज की बस बागपुर से पलवल चली तो 80 कोस की बृजभूमि के लोग गदगद हुए बिना नहीं रह सके और बृजभूमि बार-बार आओ मनोहर लाल के नारों से गूंज उठी। पलवल में जन संवाद के दूसरे दिन का कार्यक्रम मेव बाहुल्य क्षेत्र के साथ लगते शहीदों के गांव रूपड़ाका से शुरू हुआ जहां पर मुख्यमंत्री ने शहीद मीनार पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को नमन किया।  

उल्लेखनीय है कि मेव बाहुल्य क्षेत्र को पंचायती रूप से बेहद सशक्त माना जाता है यहाँ के लोग जन प्रतिनिधियों को पूरा मान-सम्मान देते हैं और उनकी बात को बड़े ध्यान से सुनते हैं। इसके बाद उटावड़ व बहीन में जन संवाद के रूप में मुख्यमंत्री ने एक पंचायती प्रतिनिधि की तरह मुड्ढे पर बैठकर खुले दरबार में लोगों की समस्याएं सुनीं और खुले मन से एक-एक करके समस्याओं का निवारण किया तथा कुछ शिकायतों के समाधान करने के निर्देश संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए।


उटावड़ जाते समय मुख्यमंत्री ने मनियारी की दुकान चला रही एक महिला से पूछा कि क्या काम ठीक चल रहा है? संयोग से वह महिला अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत ऋण लेकर स्वरोजगार के लिए मनियारी की दुकान चला रही थी। महिला का जवाब था कि आपके प्रोजेक्ट के बारे में सुना है, जीएसटी लगाने के बाद खरीदार कहते हैं कि महंगा है लेकिन बिल नहीं मांगते।  मुख्यमंत्री ने पूछा कि 15 हजार महीने की बचत  हो जाती है तो महिला का जवाब था हां जी।  

जनसंवाद कार्यक्रम में किस गांव में कितने नए राशन कार्ड  बने हैं, कितने आयुष्मान कार्ड बने, कितने युवाओं को बिना सिफारिश नौकरी मिली है, कितनी पंचायतों में महिला सरपंच व पंच  हैं? लोगों का मुख्यमंत्री का यह अंदाज काफी पसंद आ रहा था कि किसी मुख्यमंत्री ने आम पंचायती आदमी की तरह लोगों के बीच बैठकर उनके दुख- दर्द को सुना और उसका समाधान भी किया।


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News Editor

Archna Sethi

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