'मेरा माइक बंद कर दिया, 5 मिनट से अधिक बोलने नहीं दिया', नीति आयोग की बैठक से बाहर निकलीं ममता बनर्जी
punjabkesari.in Saturday, Jul 27, 2024 - 01:12 PM (IST)
नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की बैठक से नाराज होकर बाहर चली गईं। ममता ने बैठक में राजनीतिक भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि उनका माइक्रोफोन म्यूट कर दिया गया और उन्हें पांच मिनट से अधिक बोलने की अनुमति नहीं दी गई, जबकि अन्य मुख्यमंत्रियों को अधिक समय दिया गया।
'मेरा माइक म्यूट कर दिया गया'
बनर्जी ने आज नीति आयोग की बैठक से बाहर निकलने के बाद संवाददाताओं से कहा, "मैंने कहा कि आपको (केंद्र सरकार को) राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। मैं बोलना चाहती थी लेकिन मेरा माइक म्यूट कर दिया गया। मुझे केवल 5 मिनट बोलने की अनुमति दी गई। मुझसे पहले लोगों ने 10-20 मिनट तक बोला।" बैठक के बीच में ही बाहर निकलते हुए बनर्जी ने कहा, ''मैं विपक्ष की एकमात्र सदस्य थी जो इसमें भाग ले रही थी, लेकिन फिर भी मुझे बोलने नहीं दिया गया। यह अपमानजनक है।''
#WATCH | Delhi: West Bengal CM Mamata Banerjee says, "...I was speaking, my mic was stopped. I said why did you stop me, why are you discriminating. I am attending the meeting you should be happy instead of that you are giving more scope to your party your government. Only I am… pic.twitter.com/53U8vuPDpZ
— ANI (@ANI) July 27, 2024
राजनीतिक भेदभाव का विरोध करूंगी
आज दिल्ली रवाना होने से पहले अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ने कहा, "मैं नीति आयोग की बैठक में बंगाल के साथ किए जा रहे राजनीतिक भेदभाव का विरोध करूंगी। बजट में जिस तरह से उन्होंने बंगाल और अन्य विपक्षी राज्यों के साथ भेदभाव किया है, हम उससे सहमत नहीं हो सकते।" तृणमूल सुप्रीमो ने आगे कहा कि भाजपा के मंत्रियों और नेताओं का रवैया ऐसा है कि वे बंगाल को बांटना चाहते हैं और साथ ही राज्य पर आर्थिक और भौगोलिक नाकेबंदी भी करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "उनके मंत्रियों और भाजपा नेताओं का रवैया ऐसा है कि वे बंगाल को बांटना चाहते हैं। आर्थिक नाकेबंदी के साथ-साथ वे भौगोलिक नाकेबंदी भी करना चाहते हैं। मंत्री ने यह बात तब कही जब संसद चल रही थी। झारखंड, बिहार, असम और बंगाल को बांटने के लिए अलग-अलग नेता अलग-अलग बयान दे रहे हैं। हम इस रवैये की कड़ी निंदा करते हैं।" उन्होंने कहा, "बंगाल को बांटने का मतलब है हमारे देश, भारत को बांटना। हम इस स्थिति में अपनी आवाज रिकॉर्ड करना चाहते हैं और ऐसा करने के लिए मैं वहां मौजूद रहूंगी। अगर वे मुझे इजाजत देंगे तो मैं अपनी आवाज रिकॉर्ड करने की कोशिश करूंगी, नहीं तो मैं विरोध करूंगी और बाहर आऊंगी।"
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इन राज्यों के सीएम बैठक में नहीं हुए शामिल
बता दें कि, नीति आयोग की बैठक का इंडिया गठबंधन के कई मुख्यमंत्रियों ने बहिष्कार किया है। इनमें तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, केरल के मुख्यमंत्री और सीपीआई (एम) नेता पिनाराई विजयन, पंजाब के सीएम भगवंत मान और सभी तीन कांग्रेस मुख्यमंत्रियों- कर्नाटक के सिद्धारमैया, हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी सहित कई विपक्षी मुख्यमंत्री शामिल हैं। इसके अलावा एनडीए के सहयोगी नीतीश कुमार भी बैठक में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे। फिलहाल इसके पीछे की वजह अभी सामने नहीं आई है।
बिहार के मंत्री नितिन नबीन ने कांग्रेस पर कसा तंज
कांग्रेस और विपक्षी मुख्यमंत्रियों द्वारा नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने पर बिहार के मंत्री नितिन नबीन ने कहा- 'कांग्रेस की शुरू से ही यह मानसिकता रही है कि उन्हें विकास कार्यों में भी राजनीति करनी है। आज विकास कार्यों पर चर्चा के लिए बैठक है, नीति आयोग कोई बीजेपी का ढांचा नहीं है। नीति आयोग जब भी बैठक करती है तब वह हर राज्य के विकास मॉडल को तय करती है यह एक संघीय ढांचा है, लेकिन समस्या यह है कि कांग्रेस केवल तुष्टीकरण की राजनीति करने के लिए है। उनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। इसलिए वे अब नीति आयोग बैठक का विरोध कर रहे हैं।